2025 मे 2 दिन का होगा निर्जला एकादशी का व्रत

2025 मे 2 दिन का होगा निर्जला एकादशी का व्रत !
32 घंटे का होगा लंबा उपवास !
मुहूर्त और महत्व –
साल भर में आने वाली एकादशी में निर्जला एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, इस बार की निर्जला एकादशी बहुत खास मानी जा रही है, ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी को करने से व्यक्ति को वर्ष भर मे पड़ने वाली 24 एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है,जब मलमास या अधिकमास पड़ता है तब एकादशी की संख्या बढ़कर 24 से 26 हो जाती है। सभी एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आने वाली निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को बिना अन्न और जल के किया जाता है, निर्जला एकादशी का व्रत काफी कठिन माना जाता है, इस वर्ष 2025 में निर्जला एकादशी का व्रत दो दिन मनाया जाएगा, पहले दिन स्मार्त निर्जला एकादशी का व्रत होगा और दूसरे दिन वैष्णव निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा !
तिथि और समयः
पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी की तिथि 6 जून 2025 को सुबह 2ः15 बजे से शुरू होकर 7 जून 2025 को सुबह 4ः47 बजे समाप्त होगी, हरि वासर का समापन 7 जून को सुबह 11ः25 बजे होगा !
1- स्मार्त निर्जला एकादशी व्रत 6 जून 2025 शुक्रवार !
2- वैष्णव निर्जला एकादशी व्रत 7 जून 2025 शनिवार !
इस दिन व्रत करने वाले गृहस्थों के लिए यह व्रत 32 घंटे 21 मिनट तक रहेगा, व्रत सूर्योदय से शुरू होगा और पारण के समय तक चल सकता है !
व्रत के नियम और विधिः-
निर्जला एकादशी का व्रत कठिन माना जाता है , क्योंकि इसमें जल और भोजन का पूरी तरह त्याग किया जाता है, इस दिन व्रती को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और व्रत का पालन संयम और नियम से करना चाहिए !
क्या करेंः-
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पवित्र वस्त्र धारण करें !
2. भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें !
3. पूरे दिन बिना जल और अन्न के रहें !
4. हरि नाम का जाप करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें !
5. जरूरतमंदों को दान करें और ब्राह्मण भोजन कराएं !
स्मार्त और वैष्णव निर्जला एकादशी में अंतर:-
जब एकादशी व्रत दो दिन होता हैए तब पहले दिन स्मार्त व्रत और दूसरे दिन वैष्णव व्रत करने की मान्यता है !
1. स्मार्त व्रत इसे सामान्य गृहस्थ और अनुयायी करते हैं !
2. वैष्णव व्रत इसे वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी पालन करते हैं !
3. गृहस्थ भी वैष्णव व्रत रख सकते हैं, लेकिन उन्हें वैष्णव संप्रदाय के नियमों का पालन करना होगा !
निर्जला एकादशी व्रत का पारण समय 2025 –
निर्जला एकादशी व्रत के पारण का समय हरि वासर के समापन के बाद माना जाता है-
1. स्मार्त व्रत पारण – 7 जून 2025 दोपहर 1ः44 बजे से 4ः31 बजे तक !
2. वैष्णव व्रत पारण – 8 जून 2025 सुबह 5ः23 बजे से 7ः17 बजे तक !
व्रत का महत्वः-
निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट होते हैं, माना जाता है कि भीमसेन ने इस व्रत का पालन किया था, क्योंकि वो अन्य एकादशियों का पालन नहीं कर पाते थे, इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है
इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को मृत्यु के बाद विष्णु लोक की प्राप्ति होती है, इसके अलावा यह व्रत मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए भी लाभकारी माना गया है!
व्रत के लाभ :-
1. सभी एकादशियों का पुण्य इस एकादशी के व्रत से वर्षभर की सभी एकादशियों के व्रत के समान पुण्य फल प्राप्त होता है !!
2. पापों का नाश इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं !
3. मोक्ष की प्राप्ति निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को विष्णु लोक में स्थान मिलता है !
4. शारीरिक और मानसिक शुद्धिरू यह व्रत मन को शुद्ध करने और संयम रखने की प्रेरणा देता है!
5. दान का महत्व इस दिन जरूरतमंदों को अन्नए वस्त्र और जल का दान करने से भी पुण्य लाभ मिलता है !