नए कानून के विरोध में बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने डीएम को दिया गया ज्ञापन। रिपोर्ट- साहिल खान
नए कानून के विरोध में बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने डीएम को दिया गया ज्ञापन। रिपोर्ट- साहिल खान
संत कबीर नगर- आज दिनांक 27 फरवरी 2025 को संयुक्त बार एसोसिएशन संत कबीर नगर के अधिवक्ताओ ने नए कानून के विरोध में प्रधानमंत्री के सापेक्ष डीएम को एक लिखित ज्ञापन दिया। अधिवक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के संवैधानिक अधिकार अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का विरोधी है।अधिवक्ता बिल संशोधन 2025 अधिवक्ताओं के मौलिक स्वतंत्रता एकता व अखंडता को खंडित करने वाला है तथा अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता का दमन करने वाला है परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त कोई समाहित न किए जाएं ।वह उनके लोकतांत्रिक स्वरूप हो यथावत रखा जाए, परिषदों के सदस्यों या अस्तित्व पर सुझाए गए। संशोधन को तुरंत समाप्त किया जाए पूरे प्रदेश के अधिवक्ता विशेष कर उत्तर प्रदेश बार काउंसलिंग मांग करती है कि प्रदेश के अधिवक्ताओं का 10 लाख का मेडिक्लेम व किसी अधिवक्ता की मृत्यु होने पर 10 लाख की बीमा राशि प्रदान की जाए। अधिवक्ता व उनके परिवार के लिए एडवोकेट रोटेशनल एक्ट प्रविधान किए जाएं। नियम बनाने का अधिकार पूर्व में जो एडवोकेट्स एक्ट में प्राविधानिक प्रतिनिधित्व था उसको उसी प्रकार रखा जाए। केंद्र सरकार द्वारा रेगुलेशन बनाने की जो बातें कही गई है उसे तुरंत समाप्त किया जाए और किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता ना होने के कारण हम अधिवक्तागण एडवोकेट्स मैनेजमेंट बिल 2025 के संशोधन को निरस्त करने की मांग करते हैं तथा उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस काले कानून को वापस नहीं किया गया तो सारे अधिवक्ता आमरण अनशन पर बैठने को प्रतिबद्ध है। इसमें बार एसोसिएशन के राकेश जी मिश्रा तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहम्मद कासिम, राम कृष्ण यादव, सतीश कुमार नायक ,सुरेंद्र यादव, वेद प्रकाश पांडे, बिपिन चंद्र पांडे आज्ञाराम चौधरी, रामसागर यादव फैयाज अहमद फारूकी, कोमल प्रसाद चौधरी, जीत नारायण पांडे, रविंद्र कुमार तिवारी, पतंजलि अग्रहरि, विवेक कुमार श्रीवास्तव, ज्ञानेंद्र कुमार मिश्रा ,रुद्रसेन पांडे, अफरोज अख्तर, पवन कुमार मिश्रा आदि के साथ सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।
