17 साल बाद पाकिस्तानी कैदी जेल से रिहा, बहराइच पुलिस ने 2008 में किया था गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

17 साल बाद पाकिस्तानी कैदी जेल से रिहा, बहराइच पुलिस ने 2008 में किया था गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
ब्यूरो रिपोर्ट दिलशाद अहमद
आज का भारत लाइव
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पाकिस्तानी कैदी मशरूफ को 17 बाद बुधवार को रिहा कर दिया गया। उसे पुलिस कस्टडी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास भेजा गया है। जहां से पंजाब के अटारी बॉर्डर से उसे पाकिस्तान भेज दिया जाएगा। बता दें कि मशरूफ को साल 2008 में जासूसी के आरोप में बहराइच से गिरफ्तार किया गया था।
मशरूफ पर देशद्रोह और जालसाजी का मामला दर्ज
मशरूफ को साल 2008 में बहराइच पुलिस ने जासूसी, देशद्रोह, जालसाजी और साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों को संदेह था कि वह भारत में आतंकी संगठनों के लिए सूचना एकत्र कर रहा था। जांच के बाद उसके खिलाफ देशद्रोह और जासूसी का मुकदमा दर्ज किया गया। साल 2013 में अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मसरूफ को 2015 में वाराणसी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया। लेकिन जेल प्रशासन के मुताबिक, उसने वहां कैदियों को उकसाने और विद्रोह की कोशिश की। फिर 2019 में शासन के निर्देश पर उसे गोरखपुर जेल लाया गया और हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। यहां उसकी आजीवन कारावास की सजा पूरी हो चुकी। उसकी कानूनी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद भारत सरकार ने उसकी रिहाई का फैसला लिया। भारत के गृह मंत्रालय के आदेश के बाद मशरूफ की रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई। जिला जेल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के निगरानी में उसे गोरखपुर से दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास भेजा गया। गोरखपुर जेल अधीक्षक दिलीप पाण्डेय ने बताया कि पाकिस्तानी कैदी की आजीवन कारावास की सजा पूरी होने के बाद उसे रिहा कर दिया गया है। पुलिस कस्टडी में उसे दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास भेजा गया है। गोरखपुर जिला प्रशासन ने इसकी जानकारी पाकिस्तानी दूतावास को दे दी है। बुधवार को उसे गोरखपुर जेल से 9.30 बजे दिल्ली भेजा गया। जहां से 7 फरवरी को अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। साल 2008 से अब तक करीब 17 साल भारतीय जेल में रहने के बाद अब मोहम्मद मशरूफ अपने वतन पाकिस्तान लौटेगा।