शादी का दिया प्रलोभन , किया दुष्कर्म , हुआ सात वर्ष का कारावास

शादी का दिया प्रलोभन , किया दुष्कर्म , हुआ सात वर्ष का कारावास
-आरोप तय होने के छः माह में आया फैसला , आरोपी पर लगा ₹ एक लाख का जुर्माना
-एडीजे फास्ट ट्रैक का फैसला , अर्थदण्ड की आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश
संत कबीर नगर । शादी का प्रलोभन देकर दो तीन वर्ष से दुष्कर्म करने के आरोपी को अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक द्वितीय देवेन्द्र नाथ गोस्वामी की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए सात वर्ष के कारावास का सजा सुनाया । यह सजा कोर्ट ने आरोप तय होने के छः माह में सुनाया । इसी वर्ष माह जनवरी में अभियोग पंजीकृत हुआ था । आरोपी अमित निषाद उर्फ संदीप पर कोर्ट ने दुष्कर्म व आईटी एक्ट के आरोप में कुल एक लाख रुपए का अर्थदण्ड का निर्णय दिया । अर्थदण्ड का भुगतान न होने पर आरोपी को तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । कोर्ट ने अर्थदण्ड की आधी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रुप में देने का आदेश दिया है ।
मामला जिले के महुली थानाक्षेत्र के एक गांव का है । प्रकरण में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अच्युतानंद शुक्ल व वादिनी के अधिवक्ता बालेन्दु यादव ने बताया कि पीड़िता ने दिनांक 19 जनवरी 2024 को अभियोग पंजीकृत कराया था । उसका आरोप था कि आरोपी अमित निषाद उर्फ संदीप पुत्र ओरी उर्फ चिरकुट ग्राम गजाधर पुर थाना महुली शादी का झांसा देकर दो तीन वर्ष से लगातार दुष्कर्म करता रहा । उसका अश्लील वीडियो बना लिया । वादिनी जब भी शादी के लिए कहती तो टाल देता । बाद में उसने शादी करने से मना कर दिया । इस बीच पीड़िता के पिता ने उसकी शादी दूसरी जगह तय कर दिया । आरोपी जहां शादी तय हुई उसके पास अश्लील वीडियो भेजने लगा । पिता भाई तथा गांव के अन्य लोगों के मोबाइल पर वीडियो भेजने लगा । पिता के मोबाइल पर फोन करके गन्दी गाली देते हुए धमकी दिया कि पुत्री की शादी कहीं करोगे तो जान से मार देंगे । पुलिस ने गाली देने , जान से मारने व दुष्कर्म तथा आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । कोर्ट ने दिनांक 4 अप्रैल 2024 को आरोपी पर आरोप तय किया । सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अच्युतानंद शुक्ल ने बताया कि अभियोजन ने कुल 6 साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किया । जबकि आरोपी ने भी दो साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया । सुनवाई के पश्चात अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक द्वितीय देवेन्द्र नाथ गोस्वामी की कोर्ट ने आरोपी दोषसिद्ध करार दिया ।