माइक्रोइरीगेशन अन्तर्गत आयोजित हुआ कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम

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माइक्रोइरीगेशन अन्तर्गत आयोजित हुआ कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम

वैज्ञानिकों ने दी सूक्ष्म सिचाई पद्धति की जानकारी

ब्यूरो रिपोर्ट-  दिलशाद अहमद !

बहराइच 10 जनवरी। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ‘‘पर ड्राप मोर क्राप’’ (माइक्रोइरीगेशन) के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, बहराइच के सभागार में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी दिनेश कुमार, उप कृषि निदेशक शिशिर वर्मा, कृषि विज्ञान केन्द्र, बहराइच के अध्यक्ष/वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संदीप कुमार, वैज्ञानिक डॉ. शैलेन्द्र सिंह, डॉ. अरूण कुमार राजभर, सुधीर मिश्रा, उप सम्भागीय प्रसार अधिकारी, नानपारा (बहराइच) ओम प्रकाश त्रिपाठी, योजना प्रभारी/व.उ.नि. पंकज वर्मा एवं सूक्ष्म सिंचाई संयत्र स्थापित करने वाली कार्यदायी फर्माे के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए योजना प्रभारी श्री त्रिपाठी ने भू-जल स्तर, सूक्ष्म सिंचाई के महत्व, संयत्र के प्रकार एवं उनके महत्व व उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत ड्रिप व मिनी स्प्रिंकलर संयत्र की स्थापना कराने पर लघु सीमान्त कृषकों को विभाग द्वारा निर्धारित इकाई लागत का 90 प्रतिशत एवं अन्य श्रेणी के कृषकों को 80 प्रतिशत का अनुदान अनुमन्य है। साथ ही स्प्रिंकलर एवं रेनगन पद्धति की स्थापना कराने पर लघु सीमान्त कृषकों को 75 प्रतिशत एवं अन्य श्रेणी के कृषकों को 65 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. संदीप कुमार ने संयत्र से फसल की सिंचाई के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. कुमार ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से सिंचाई करने पर फसलों में सड़न नहीं होती है साथ ही फसल में आवश्यकतानुसार नमी बनी रहती है। इस पद्धति को अपनाने से कृषक सिंचाई के साथ साथ-साथ फर्टीगेशन भी कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. डॉ शैलेन्द्र सिंह व डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि इस पद्धति के अपनाने से जल संरक्षण एवं उत्पादन वृद्धि के बारे में उपस्थित कृषकों को जानकारी दी। इस अवसर पर उपस्थित कृषकों के महत्वपूर्ण प्रश्नों का समुचित समाधान इनके द्वारा किया गया।
डॉ शिशिर वर्मा, उप कृषि निदेशक डॉ. शिशिर वर्मा ने मशरूम, हल्दी, नगदी फसलों के उत्पादन एवं विपणन के बारे में जानकारी देते हुए इस पद्धति से कृषकों को होने वालें लाभ के बारे में जानकारी दी। डॉ. वर्मा द्वारा बताया गया कि इस पद्धति के अपनाने से किसान भाई अनावश्यक व्यय एवं श्रम को रोकते हुए अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी द्वारा योजनान्तर्गत संयत्र के लाभ के बारे में जानकारी देते हुए अनुदान प्रक्रिया से कृषकों को अवगत कराया तथा अधिकाधिक कृषकों को इस पद्धति को अपनाने हेतु प्रेरित किया। साथ ही इनके द्वारा अवगत कराया गया कि आगामी सत्र में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के स्थान पर एकीकृत बागवानी मिशन से जनपद आच्छादित होगा, जिससे कृषकों को अनेक योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा।
उद्यान निरीक्षक पंकज वर्मा ने विभाग में संचालित योजनाओं एवं सूक्ष्म सिंचाई संयत्र के बारे में कृषकों को अवगत कराते हुए उपस्थित कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कृषकों का परिचय कराते हुए सूक्ष्म सिंचाई पद्धति को अपनाने हेतु प्रेरित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्त में जिला उद्यान अधिकारी ने कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कृषकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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