खादी कपड़ों के शौकीन को नही मिल रहा छूट का लाभ

खादी कपड़ों के शौकीन को नही मिल रहा छूट का लाभ !!
संतकबीर नगर- मगहर! क्षत्रीय श्री गांधी आश्रम मगहर के खादी भंडार पर कपड़ों की बिक्री लगभग बंद है। जिससे खादी कपड़ों के शौकीन/ ग्राहकों को गांधी जयंती के मौके पर मिलने वाली छूट से वंचित /निराश होना पड़ रहा है। महात्मा गांधी के विचार से लबरेज स्लोगन खादी वस्त्र नहीं विचार वाले स्लोगन को भी ठेस पहुंचने के साथ ही संस्था को आर्थिक क्षति पहुंच रह है।
देश की केंद्र सरकार नागरिकों से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर जोर दे रही है। जिसके लिए तरह तरह के प्रलोभन देकर स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने और उनका प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। वहीं राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के नाम पर चलने वाली संस्था क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम से स्वदेशी वस्त्रों का उत्पादन और उनकी बिक्री की जाती है। खादी कपड़ों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए ‘खादी वस्त्र नहीं विचार है के नारे के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया है। इतना ही नहीं खादी कपड़े महंगे होने के कारण आम नागरिक इसे खरीद नहीं पाते हैं। केंद्र सरकार द्वारा खादी आयोग को गांधी जयंती 2 अक्टूबर के मौके पर खादी सूती, रेशम और ऊनी वस्त्रों पर हर वर्ष 20 से 25 प्रतिशत तक छूट देता है।ताकि लोग खादी कपड़े को अपनाएं इसके साथ ही अधिक से अधिक लोगों तक खादी वस्त्र की पहुंच बन सके। वहीं इसके ठीक विपरीत मगहर खादी भण्डार कार्य कर रहा है।इस वर्ष गांधी जयंती के अवसर पर खादी आयोग से मिलने वाले छूट के बावजूद भी बंद है। जिसके कारण सरकार के स्वदेशी अपनाओ की योजना को पलीता लगाया जा रहा है। तो वहीं दुसरी तरफ संस्था को आर्थिक क्षति भी हो रही है। जिससे गांधी के वस्त्र नहीं विचार वाली सोच को भी झटका लग रहा है। इस सम्बंध में गांधी आश्रम मगहर के मंत्री रविन्द्र लाल श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था के कई विभागों में ताला लगा हुआ है। रहा सवाल खादी भण्डार के बंद होने की भण्डार के प्रबंधक वीरेंद्र दूबे का स्वास्थ ठीक नहीं है। जिसके कारण भण्डार नहीं खुल रहा है।