चेक का भुगतान न होने पर विपक्षी पर 18 लाख 10 हजार रुपए का अर्थदण्ड व एक वर्ष का कारावास

चेक का भुगतान न होने पर विपक्षी पर 18 लाख 10 हजार रुपए का अर्थदण्ड व एक वर्ष का कारावास
-जेएम कोर्ट का फैसला , अतिरिक्त कारावास का सजा काटने के बाद भी प्रत्येक स्थिति में होगी अर्थदण्ड की वसूली
संत कबीर नगर चेक अनादर होने के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट भारती तायल की कोर्ट ने आरोपी राम प्रकाश यादव को दोषसिद्ध करार देते हुए 18 लाख 10 हजार के अर्थदण्ड का फैसला सुनाया । कोर्ट ने इसके साथ ही आरोपी को एक वर्ष के साधारण कारावास का भी सजा सुनाया । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर न्यायालय के आदेश की अवमानना स्वरुप आरोपी को छः माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर जुर्माना की धनराशि भू राजस्व के रुप में वसूल की जाएगी । कोर्ट ने यह भी स्पष्ट आदेश दिया कि अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतने के बावजूद आरोपी अर्थदण्ड की अदायगी से अवमुक्त नहीं होगा । अर्थदण्ड की धनराशि प्रत्येक स्थिति में वसूल की जाएगी ।
चेक अनादर का यह परिवाद मुमताज अहमद पुत्र तजम्मुल हुसेन गौसपुर थाना कोतवाली खलीलाबाद ने एनआई एक्ट के अंतर्गत कोर्ट में प्रस्तुत किया था । परिवादी का आरोप था कि परिवादी ने विपक्षी से जमीन क्रय करने के लिए विभिन्न तिथियों में रुपया दिया था । विपक्षी न तो जमीन दे रहे थे और न ही रुपया वापस कर रहे थे । काफी अनुरोध के बाद दिनांक 5 नवम्बर 2015 को भारतीय स्टेट बैंक का दस लाख रुपए का चेक दिया । चेक को परिवादी ने अपने ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स खलीलाबाद के शाखा में भुगतान हेतु जमा किया । खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण दिनांक 10 नवम्बर 2015 को बिना भुगतान के वापस हो गया । जेएम भारती तायल की कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात आरोपी को दोषसिद्ध करार दिया । कोर्ट ने चेक की धनराशि दस लाख रुपए पर 9 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर से लगभग 9 वर्ष तक परिवाद चलने से 8 लाख 10 हजार रुपए ब्याज निर्धारित करते हुए कुल 18 लाख 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड तथा एक वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाया । कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में अर्थदण्ड की धनराशि में से 18 लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति परिवादी को अदा करने और दस हजार रुपए राज्य सरकार के खाते में जब्त करने का आदेश दिया ।