सहारा क्यू शाप 49 हजार 600 रुपए दस प्रतिशत ब्याज सहित करे भुगतान

सहारा क्यू शाप 49 हजार 600 रुपए दस प्रतिशत ब्याज सहित करे भुगतान
-उपभोक्ता फोरम का फैसला , वाद व्यय व क्षतिपूर्ति का ₹ 30 हजार के भुगतान का भी दिया आदेश
संत कबीर नगर । जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सहारा क्यू शाप व सहारा इण्डिया कार्मिशयल कार्पोरेशन लिमिटेड खलीलाबाद को अंतिम जमा की तिथि से 49 हजार छः सौ रुपए दस प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान करने का फैसला दिया । इसके साथ ही फोरम ने 20 हजार रुपए क्षतिपूर्ति व दस हजार रुपए वाद व्यय कुल 30 हजार रुपए भी परिवादी को 60 दिन के अंदर भुगतान करने का भी फैसला दिया ।
परिवादी के अधिवक्ता रणजीत कुमार चौधरी ने बताया कि राकेश पांडेय पुत्र ईश्वरी नरायन पांडेय ग्राम व पोस्ट माधोपुर थाना धनघटा वर्तमान पता मोहल्ला तितौवा गन्ना विकास स्कूल के पीछे डबल गेट वाला घर खलीलाबाद ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद प्रस्तुत किया था । परिवादी का कथन था कि विपक्षी संख्या एक सहारा क्यू शाप सेंट्रल कार्यालय सहारा इण्डिया सेक्टर 2 कपूरथला काम्प्लेक्स अलीगंज लखनऊ व विपक्षी संख्या 2 सहारा इण्डिया कार्मिशयल कार्पोरेशन लिमिटेड मेंहदावल रोड मोतीनगर खलीलाबाद लोगों से रुपया जमा कराने का कार्य करते हैं । अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए विपक्षी संख्या एक ने अनेक शहरों में शाखा कार्यालय खोल रखा है । विपक्षीगण ने अभिकर्ता भी रखा है , जो भोली भारी जनता को प्रलोभन व प्रोत्साहित करते रहते हैं । विपक्षी संख्या दो मूलरूप से विपक्षी संख्या एक के ही अंग है । विपक्षीगण नाम व रोजगार बदल कर कार्य करते हैं । परिवादी विपक्षीगण के अभिकर्ता के प्रलोभन में आ करके सहारा क्यू शाप योजना में दिनांक 24 मई 2012 से दिनांक 23 अगस्त 2013 के मध्य विभिन्न तिथियों में 49 हजार छः सौ रुपए जमा किया । परिवादी से यह कहा गया था कि एक वर्ष बाद जब आवश्यकता होगी तो 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर रुपया निकाल सकते हैं । परिवादी वर्ष 2020 से रुपए की मांग कर रहा है । रुपए का भुगतान नहीं किया जा रहा है । भुगतान न होने पर परिवाद प्रस्तुत किया । समन नोटिस जारी होने के बाद भी विपक्षीगण उपस्थित नहीं हुए । उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सुनवाई के पश्चात सेवा में घोर कमी करार दिया । फोरम ने कुल जमा धनराशि 49 हजार छः सौ रुपए पर अंतिम जमा तिथि दिनांक 23 अगस्त 2013 से भुगतान की तिथि तक दस प्रतिशत साधारण ब्याज सहित भुगतान करने का फैसला दिया ।