नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी हुआ 14 वर्ष का सश्रम कारावास , लगा ₹ 30 हजार का अर्थदण्ड

नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी हुआ 14 वर्ष का सश्रम कारावास , लगा ₹ 30 हजार का अर्थदण्ड
-दोषसिद्ध अपहरण के एक आरोपी के अनुपस्थित रहने पर जारी हुआ अजमानतीय वारंट
-दुष्कर्म का आरोपी मनोज यादव कोर्ट में अयोध्या जेल से हुआ था तलब
-नालसा प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को 30 हजार क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश
संत कबीर नगर । नाबालिग किशोरी को एक अन्य साथी के साथ बहला-फुसलाकर अपहरण करके दुष्कर्म करने के आरोपी को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए 14 वर्ष के सश्रम कारावास का सजा सुनाया । आरोपी मनोज यादव अयोध्या जेल से तलब होकर न्यायालय में उपस्थित हुआ । आरोपी मनोज यादव पर कोर्ट ने सजा के अतिरिक्त विभिन्न धाराओं में तीस हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को दो वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । कोर्ट ने अर्थदण्ड के 30 हजार रुपए की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का भी फैसला सुनाया है । इसके साथ ही कोर्ट ने नालसा प्रतिकर स्कीम के अंतर्गत पीड़िता को 30 हजार रुपए का प्रतिकर देने का भी आदेश दिया ।
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्युपाल , सत्य प्रकाश गुप्ता , सत्येन्द्र शुक्ल व अनिल कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण दुधारा थानाक्षेत्र के एक गांव का है । जबकि आरोपी मनोज यादव पुत्र मंगल प्रसाद यादव ग्राम पलिया सहबदी थाना कैण्ट जनपद अयोध्या तथा अशोक कुमार पुत्र कन्हैया लाल साकिन लड़नपुर मजरा आशोपुर थाना अलीगंज जनपद अम्बेडकर नगर के रहने वाले हैं । प्रकरण में पीड़िता के पिता ने अपहरण का अभियोग पंजीकृत कराया था । उसका आरोप था कि दिनांक 24 जनवरी 2014 को शाम लगभग सात बजे उसकी 17 वर्षीय पुत्री शौच के लिए गई थी । लौटकर घर नहीं आई । खोजबीन किया गया । कुछ पता नहीं चला । दूसरे दिन रिश्तेदारी व अन्य जगह तलाश किया । परन्तु कुछ पता नहीं चला । उसके बाद विभिन्न तिथियों पर मोबाइल से फोन आता रहा और लगातार धमकी दी जा रही थी कि कुछ करोगे तो तुम लड़की को भूल जाना । वादी के प्रार्थना पत्र पुलिस ने अज्ञात में अपहरण का अभियोग पंजीकृत किया । विवेचना के दौरान मनोज यादव तथा अशोक कुमार का नाम प्रकाश में आया । पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्युपाल ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल छः साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि मनोज यादव उसका मंगेतर का दोस्त बनकर फोन पर बात करता था । फोन से बुलाकर अपने साथी अशोक कुमार के सहयोग से बाइक पर ले गया था । मनोज ही दुष्कर्म किया था । एडीजे व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात आरोपी मनोज यादव दुष्कर्म व अपहरण के आरोप में दोषसिद्ध करार देते हुए 14 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई । जबकि अशोक कुमार को उसकी अनुपस्थिति में अपहरण का दोषसिद्ध करार देते हुए गैर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया ।