विद्वतजन का सबसे बड़ा पर्व श्रावणी उपकर्म विधि विधान पूर्वक सम्पन्न

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विद्वतजन का सबसे बड़ा पर्व श्रावणी उपकर्म विधि विधान पूर्वक सम्पन्न

भारतीय विद्वत महासंघ द्वारा कई वर्षों से मनता चला आ रहा है श्रावणी उपाकर्म

गोरखपुर –भारतीय विद्वत् महासंघ के तत्वावधान मे 9 अगस्त दिन शनिवार श्रावण पूर्णिमा को प्राचीन मानसरोवर शिव मंदिर पर श्रावणी उपाकर्म मनाया गया। इस बार भद्रा का किसी प्रकार से साया ना रहने से श्रावणी उपाकर्म विद्वत्जनों ने प्रातः काल 5 बजे ही हेमाद्री संकल्प के साथ प्रारम्भ किया।
इस दौरान विद्वानों,पुरोहितों, यज्ञपवित
धारियों ने सामुहिक रुप से महासंकल्प के साथ वेद मंत्रो द्वारा सस्वर पाठ किया। अध्यक्षता संस्थाध्यक्ष पं. रविंद्र नाथ मिश्र तथा संचालन महामंत्री पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य द्वारा किया गया।
आचार्य पण्डित अरविन्द पाण्डेय वैदिक ने विधि-विधान से श्रावणी उपाकर्म कराया। श्रावणी उपक्रम करने मानसरोवर पोखरा पहुचे विद्वत जन अपने शर के बाल का मुंडन करायें तत्पश्चात स्नान की सामग्री मे पीली मिट्टी,भस्म,गाय की गोबर,काला तिल,अच्छत्,फूल, कूशा,चिचिहिडा,पंचगब्य आदि हाथ मे लेकर सर्वप्रथम आचमन किये और अच्छत् फूल लेकर हेमाद्रि संकल्प किए। तत्पश्चात पंचगब्य प्राशन हुआ तथा मिट्टी गोबर भस्म आदि से स्नान कर कूशा चीचीहिड़ा से मार्जन किया गया। पुनः गायत्री मंत्र तथा सूर्य नमस्कार कर देव तर्पण ऋषि तर्पण,पितृ तर्पण तथा भीष्म तर्पण के साथ स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन कर सप्तऋषियों की विधि-विधान पूर्वक पूजा कर यज्ञोपवीत आदि की भी पूजा कि गयी और जनेऊ धारण किया गया। इस दौरान ब्राह्मणों ने आपस मे तिलक चन्दन लगाकर रक्षासूत्र (कलावा) बांधे।
महासंघ अध्यक्ष पं. रविंद्र नाथ मिश्र, उपाध्यक्ष पं. राजेश मिश्र, महामंत्री पं. बृजेश पाण्डेय, कोषाध्यक्ष पं. शेषमणि पाण्डेय, मंत्री पं. रमेश पाण्डेय,संरक्षक सदस्य पं. अश्वनी कुमार मिश्र ने बताया कि श्रावणी उपाकर्म एवं सप्तर्षि पूजन ब्राह्मणों का प्रमुख पर्व है जो सावन मास के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि अथवा सावन के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है । यह पर्व विशेष कर नदी के किनारे या तालाब तट पर करने का विधान होता है। इस पर्व को करने से व्यक्ति का पूर्व जन्मार्जित पापों का एवं वर्ष भर में जाने अनजाने में हुए पापों का शमन होता है। कहीं कहीं पर यह भी उल्लेख आया है कि चारों वर्णों के लोगों को भी श्रावणी उपाकर्म करना चाहिए। इस कर्म मे विप्रों को विशेष प्रधानता दी गई है। श्रावणी उपाकर्म एवं सप्तर्षि पूजन करने से धन धान्य की प्राप्ति एवं सभी विकृतियां दूर होती है। श्रावणी एवं सप्तर्षि पूजन सभी विप्रजनों को अवश्य करना चाहिए।
इस दौरान मुख्य रूप से महासंघ अध्यक्ष पं. रविंद्र नाथ मिश्र, उपाध्यक्ष पं. राजेश मिश्र, महामंत्री पं. बृजेश पाण्डेय, कोषाध्यक्ष पं. शेषमणि पाण्डेय, मंत्री पं. रमेश पाण्डेय,संरक्षक सदस्य पं. अश्वनी कुमार मिश्र,संपर्क मंत्री पं. अश्वनी तिवारी,पं. अरविंद पाण्डेय वैदिक ,ज्योतिष यज्ञ संस्कार समिति अध्यक्ष पं. बैजनाथ द्विवेदी, उपाध्यक्ष पं. मनोज तिवारी,युवा जनकल्याण समिति अध्यक्ष समाजसेवी पं.कुलदीप पाण्डेय, पं. राजीव मिश्र, पं. रामप्रताप मिश्र,पं. नवरत्न दुबे,पं. सुनील तिवारी,पं. बलराम पाण्डेय दरोगा,पं. ब्रह्मानंद मिश्र, पं. राधाकृष्ण पाठक,पं. अशोक मिश्र, पं. अरुणेश मिश्र,पंडित यादवेंद्र मिश्र, पंडित मनमोहन मिश्रा जिला अध्यक्ष देवरिया, डॉ. दीपनारायण शुक्ला जिलाध्यक्ष महराजगंज, अम्बरीष द्विवेदी,आकाश शुक्ला,अम्बुज मिश्रा,पं. संगम तिवारी,पं. गणेश तिवारी,पं. राघवेंद्र त्रिपाठी तथा जयदीप सिंह, अंकित मिश्र,लालजी उपाध्याय आदि भारी संख्या मे विद्वतजन उपस्थित रहे ।

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