तीन वर्ष की मासूम के साथ किया दुष्कर्म , आरोपी को हुआ आजीवन कारावास

तीन वर्ष की मासूम के साथ किया दुष्कर्म , आरोपी को हुआ आजीवन कारावास
-पाक्सो कोर्ट का फैसला , हाथ की ऊंगली से दुष्कर्म करने का लगाया गया था आरोप
-नालसा प्रतिकर स्कीम के तहत 20 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति व पांच हजार का अर्थदण्ड देने का भी आदेश
संत कबीर नगर । तीन वर्ष के मासूम के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई । आरोपी इस्लामुद्दीन उर्फ चिनगोली पर हाथ की ऊंगली से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था । कोर्ट ने आरोपी पर सजा के साथ पांच हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । कोर्ट ने अर्थदण्ड की पांच हजार रुपए की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का भी फैसला सुनाया है । इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को नालसा प्रतिकर स्कीम के अंतर्गत 20 हजार रुपए का प्रतिकर देने का भी फैसला दिया ।
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्युपाल , सत्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि प्रकरण जिले के बेलहर कला थानाक्षेत्र के एक गांव का है । प्रकरण में पीड़िता के पिता ने अभियोग पंजीकृत कराया था । उनका कथन था कि वह मूल रुप से बखिरा थानाक्षेत्र के निवासी हैं । वर्तमान समय में बेलहर कला थानाक्षेत्र के एक गांव में मकान बना कर रहते हैं । दिनांक एक दिसम्बर 2021 को धान कूटने के लिए ट्रैक्टर व मशीन मंगवाया था । उसकी बेटी तख्त पर सोई हुई थी । जिस तख्त पर उसकी मासूम पुत्री सोई थी । उसी चौकी पर धान कूटने वाला लेबर इस्लामुद्दीन उर्फ चिनगोली पुत्र तकसीम बैठा था । उसने पूछा कि क्यों बैठे हो तो बताया कि बहुत काम करना है । मेरे मालिक को मत बताना । वह मुझे बहुत डांटेगा । कुछ देर बाद समय करीब आठ बजे रात आरोपी मेरी पुत्री के चड्ढी में हाथ डाल रहा था । उसे देखकर हाथ बाहर कर लिया । आरोपी माफी मांगने लगा । उसे डांटकर भगा दिया । दिनांक 5 दिसम्बर को उसकी बेटी चिल्ला कर रो रही थी । मां ने पूछा तो इशारा करके बताया । मां ने देखा तो उसके गुप्तांग पर नाखून के निशान व काफी सूजन था । पुलिस ने दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट का अभियोग पंजीकृत करके विवेचना के उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । विशेष लोक अभियोजक अभिमन्युपाल ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र तीन वर्ष बताई गई है । अभियोजन की तरफ से सात साक्षी व बचाव पक्ष की तरफ से दो साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । अभियोजन साक्षियों ने घटना का समर्थन किया । पक्षों की बहस सुनने के पश्चात एडीजे व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने आरोपी इस्लामुद्दीन उर्फ चिनगोली को दोषसिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास का सजा सुनाया ।