सेवा, सुरक्षा व सुशासन’’ की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने पर जनपद में आयोजित किया गया समारोह ।

सेवा, सुरक्षा व सुशासन’’ की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने पर जनपद में आयोजित किया गया समारोह ।
संत कबीर नगर – आज दिनांक 24 मार्च 2025 को अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) जय प्रकाश ने बताया है कि उ०प्र० सरकार के ‘‘सेवा, सुरक्षा व सुशासन’’ की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रदेश मुख्यालय तथा समस्त जनपदों में प्रस्तावित कार्यक्रमों (यथाः कम्बल वितरण, अलाव, बाढ़ शरणालय एवं रैन बसेरों की स्थापना, अहेतुक कृषि अनुदान वितरण, राहत चौपाल इत्यादि) का प्रचार-प्रसार आम जनमानस के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराये जाने का निर्देश दिया गया है साथ ही दिनोंक 25, 26 एवं 27 मार्च 2025 को सभी जनपदो में समारोह आयोजित कर शासन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं योजनाओं की जानकारी देने का निर्णय लिया गया है।
उक्त के क्रम में उन्होंने शासन द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में वित्तीय वर्ष 2024-25 की उपलब्धिता एवं योजनाओं आदि के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि 11 आपदाओं को राज्य आपदा के रूप में अधिसूचित किया गयाा, जिससे अधिक से अधिक आपदा पीडितों को राहत फण्ड से आच्छादित किया जा सके इसलिए गत 05 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा कई दुर्घटनाओं को राज्य आपदा के रूप में अधिसूचित किया गया है. जैसे नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई एवं गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वन्द, डूबना तथा सांड व नीलगाय के आघात से होने वाली मृत्यु। उन्होंने बतायाा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य आपदा मोचक निधि से अब तक मदवार जनपद में 10510 लाभार्थियों को आवंटित धनराशि 432.48 लाख के सापेक्ष रू0 388.05 लाख का वितरण किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि राहत वितरण प्रणाली को समयबद्ध व पारदर्शी बनाने के लिए हाल ही में विकसित ईंड-टू-ईंड कंप्यूटराईजेशन्स ऑफ़ बेनिफिसियरी मैनेजमेंट सिस्टम से लाभार्थी के चयन लेकर, डिजिटल अप्रुवल तथा खाते में धनराशि हस्तान्तरित करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है, जिससे राहत वितरण में पारदर्शिता के साथ-साथ समयबद्धता भी सुनिश्चित हो गई है। राहत चौपाल का आयोजन के संबंध में उन्होंने बताया कि प्रदेश में आपदा से बचाव व आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से ग्राम स्तर पर 2118 राहत चौपाल का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद स्तर के एवं तहसील स्तर के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणजनों को आपदाओं से बचाव व तैयारी आपदा दौरान ‘‘क्या करें क्या करें’’ आदि के सम्बन्ध में जागरूक किया गया। मौसम सम्बन्धी पूर्व चेतावनी तंत्र को सुदृढ़ करने हेतु जनपद की तहसीलो में 03 आटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्लूएस) तथा ब्लॉक स्तर पर 18 आटोमेटिक रेनगेज (ए0आर0जी0) स्थापित किये जा चुके है तथा मौसम विभाग के परामर्श के अनुसार मौसम सम्बन्धी अर्लीवार्निंग सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ करने हेतु महत्वपूर्ण क्षेत्रो में लगाया गया है। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सर्पदंश से बचाव सम्बन्धी जागरूकता कार्यक्रम का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने एवं आमजनमानस को प्रशिक्षित किया गया है। जनपद मुख्यालय एवं जनपद की तहसीलो में आपदाओं की पूर्व चेतावनी तथा आपदाओं के सम्बन्ध में जागरूकता हेतु 04 डिजिटल साइनेज बोर्ड की स्थापना की गयी है। आई०आई०आई०टी० लखनऊ में डिजिटल साइनेज बोर्ड का केन्द्रीय सर्वर स्थापित किया गया है। ठण्ड एवं शीतलहर के दृष्टिगत निराश्रित एवं असहाय वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियो में कम्बल वितरण तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के मुख्य स्थानो पर अलाव जलाये जाने की व्यवस्था की गयी साथ ही यात्रियों के लिए ठहराव हेतु जनपद में 09 स्थानो पर रैन बसेरों की स्थापना की गयी है। बाढ़ से प्रभावित परिवारो में हेतु बाढ़ शरणालय की स्थापना की गयी थी तथा प्रभावित परिवारों में बाढ़ राहत सामग्री (खाद्यान्न पैकेट) का वितरण किया गया साथ ही बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलो के सापेक्ष कृषको में कृषि अनुदान वितरण किया गया है।