संत कबीर नगर – विकास खण्ड सेमरियावां में मनरेगा योजना के अंतर्गत शासकीय धन का किया गया बंदर बांट।

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विकास खण्ड सेमरियावां में मनरेगा योजना के अंतर्गत शासकीय धन का किया गया बंदर बांट।
ब्यूरो रिपोर्ट- के0 पी0 मौर्य
संत कबीर नगर –
जनपद अंतर्गत विकासखंड सेमरियावां ग्राम पंचायत ग्राम बन्नी के ग्रामीण फिरोज अहमद द्वारा आरोप है कि ग्राम बन्नी में विकास कार्यों के नाम पर प्रधान और संबंधित अधिकारियों पर सरकारी धन का बंदर बांट किया जाने का लगाया आरोप।ग्राम पंचायत बन्नी में सामुदायिक शौचालय है जो लंबे अरसे से बंद पड़ा हुआ है और बिना कार्य किये ही सामुदायिक शौचालय के केयर टेकर को 9 हजार रुपए प्रति माह के रूप में भुगतान भी हो रहा है। बन्नी ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा कार्य में मजदूरों की संख्या सहित दर्ज कराई जाती है परंतु कार्य स्थल पर उपस्थित मजदूरों की संख्या कम ही रहती है। जिसका प्रमाण भी फोटो के रूप में मौजूद है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कार्य के समय मजदुर कहां पर है और किसी स्थित में है। ग्राम प्रधान द्वारा कई ऐसे कार्य कराए गए हैं जो फाइलों में दर्ज हो चुके हैं मगर वह कार्य मौके पर दिखाई नहीं पड़ते हैं।ग्रामीण फिरोज अहमद द्वारा ग्राम प्रधान के द्वारा विकाश कार्यों के नाम पर की गई सरकारी धन फाईल तैयार कर प्रधान के खिलाफ जांच करने करने से संबंधित प्रार्थना पत्र मनरेगा से संबंधित अधिकारियों को शपथ पत्र के साथ सौंपा गया, मगर अभी तक इस पर कोई कारवाई नहीं हुई।
जिसके संबंध में ग्रामीण फिरोज अहमद द्वारा जिलाधिकारी संत कबीर नगर को जांच कराने के संदर्भ में लिखित ज्ञापन देकर जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री पोर्टल जन सुनवाई के माध्यम से प्रधान के खिलाफ जांच रिपोर्ट मांगी गई लेकिन अभी तक संबंधित अधिकारीयो द्वारा कोई उचित जांच रिपोर्ट प्रेषित नहीं किया गया। इस को लेकर ग्रामीण फिरोज अहमद द्वारा 3 बार मा0 मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर विकास कार्यों की जांच कराने के सन्दर्भ में प्रार्थना पत्र दिया गया। एक तरफ भारत सरकार ग्रामीणों के विकास के लिए करोड़ों करोड़ों रूपए खर्च कर रही है वही पर कुछ ऐसे भ्रष्ट प्रधानों के द्वारा सारे सरकारी धन को डकार लिया जाता है। जिसे गांव का समुचित विकास नहीं हो पाता है। जिसको लेकर ग्रामीण फिरोज अहमद आए दिन संबंधित अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। ग्रामीण फिरोज अहमद का कहना है कि अपनी क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर हमेशा प्रयासरत रहूंगा।
अब देखना यह है कि क्या फिरोज अहमद को नए मिल पाएगा?
क्या मनरेगा से संबंधित अधिकारी निष्पक्ष जांच कर पाएंगे?
क्या ऐसे भ्रष्ट प्रधान के खिलाफ उचित कार्रवाई अधिकारियों के द्वारा की जाएगी?
क्या ऐसे ग्राम प्रधानो के रहते गांव का विकास संभव है?