संत कबीर नगर – पक्के पोखरे पर पहुंच कर छठी माँ के चरणों में नतमस्तक हुए सदर विधायक अंकुर राज तिवारी।
खलीलाबाद विधायक अंकुर राज तिवारी
पक्के पोखरे पर पहुंच कर छठी माँ के चरणों में नतमस्तक हुए सदर विधायक अंकुर राज तिवारी।
छठ पर्व भारतीय संस्कृति की आत्मा,अनुशासन और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है- सदर विधायक !
जय छठी मइया के जयकारे,हर ओर भक्ति का बना वातावरण।
ब्यूरो रिपोर्ट- के0 पी0 मौर्य
संतकबीर नगर-
जनपद अंतर्गत लोक आस्था,श्रद्धा का अद्भुत संगम छठ महापर्व की झलक इस बार पूरे जनपद में उल्लास और आस्था के साथ देखने को मिला ।
मंगलवार को इसी क्रम में सदर विधायक अंकुर राज तिवारी द्वारा खलीलाबाद नगर के पक्का पोखरा घाट पहुंच कर , श्रद्धालुओं और व्रती माताओं-बहनों ने उन्हें आत्मीयता से स्वागत किया।

सदर विधायक द्वारा घाट पर पहुंचकर छठी मइया की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर आरती किया गया और जिले सहित पूरे प्रदेश की खुशहाली व जनकल्याण की कामना की गयी।
इस अवसर पर विधायक ने कहा कि छठ पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि यह हमारी भारतीय संस्कृति की जीवंत पहचान है,जो सूर्य उपासना,प्रकृति के प्रति आभार और सामाजिक एकता का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि व्रती माताएं जिस तप,श्रद्धा और अनुशासन के साथ इस पर्व का पालन करती हैं,वह वास्तव में समाज के लिए प्रेरणादायक है।

विधायक अंकुर राज तिवारी द्वारा घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया। श्रद्धालुओं ने भी विधायक को प्रसाद ग्रहण कराया। उन्होंने श्रद्धालुओं से बातचीत करते हुए कहा कि छठ महापर्व में सफाई, अनुशासन और आस्था का अद्भुत समन्वय दिखाई देता है,जो हमारे समाज को सु संस्कृत और सशक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुरक्षा, रोशनी,जल निकासी,पार्किंग और चिकित्सा सुविधाओं की विशेष व्यवस्था की गई है।
उन्होंने नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मियों की मेहनत की सराहना की,जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर घाटों को स्वच्छ और आकर्षक बनाया। विधायक ने कहा कि छठ महापर्व सामूहिक भागीदारी और लोक एकता का उत्सव है।
यह पर्व लोगों को मिल-जुलकर समाज के विकास में योगदान देने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसरों पर समाज की सभी जातियां, वर्ग और समुदाय एक साथ एक ही भावना में जुड़ते हैं,जो,एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करता है। पूरे घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
