प्रणाम लिए जाओ श्री चित्रगुप्त भगवन के जयघोष के साथ मनाई गई चित्रगुप्त की जयंती

प्रणाम लिए जाओ श्री चित्रगुप्त भगवन के जयघोष के साथ मनाई गई चित्रगुप्त की जयंती
-गाजे – बाजे के साथ निकला भव्य झांकी , कायस्थ समाज ने की विधि विधान से पूजा
संत कबीर नगर । प्रणाम लिए जाओ श्री चित्रगुप्त भगवन , आशीष दिए जाओ श्री चित्रगुप्त भगवन के जयघोष के साथ जिले में भगवान चित्रगुप्त की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई । यम द्वितीया के दिन रविवार को कायस्थ
समाज के लोगों ने अपने आराध्य भगवान चित्रगुप्त की विधि विधान से पूजा अर्चना किया । पूजा करने पश्चात एक दूसरे से गले मिलकर तथा मिठाई खिला करके बधाई दिया । बखिरा नगर पंचायत के तिलाठी में सायंकाल चित्र गुप्त भगवान की गाजे – बाजे और जयकारे के साथ भव्य झांकी जुलूस के रुप में निकाली गई ।
कायस्थ समाज के लोग दीपावली के दिन माँ महालक्ष्मी की पूजा करने के पश्चात कलम – दावात रख देते हैं और लिखना पढ़ना पूरी तरह बन्द रहता है । मान्यता है कि भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के समय निमंत्रण न मिलने से भगवान चित्रगुप्त रुष्ट हो गए थे । मामले का पटाक्षेप होने के बाद ही भगवान चित्रगुप्त ने अपनी लेखनी का प्रयोग किया था । जिस दिन लेखनी का उपयोग किया था । वह दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की दूज की तिथि रही । चूँकि यम द्वितीया के दिन भगवान चित्र गुप्त ने लेखनी का प्रयोग किया था । इसलिए यम द्वितीया के दिन इष्ट देव की आराधना और कलम – दावात की पूजा करके ही कायस्थ समाज के लोग लेखनी का प्रयोग करते हैं । भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के काया से होने के कारण इन्हें कायस्थ कहा जाता है । जिले के बखिरा नगर पंचायत के तिलाठी के चित्रगुप्त पूजा समिति के संयोजक दिगन्त श्रीवास्तव ने बताया कि कायस्थ परिवार का प्रत्येक सदस्य अपने घर पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा करता है । सांयकाल गाजे – बाजे के साथ भव्य झांकी जुलूस के रुप में निकाली जाती है । जुलूस निकालने की परम्परा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है । यह जुलूस मोहल्ले के प्रत्येक घर से गुजरती है । जहां समाज के परिवार का हर सदस्य पूजा करने के बाद आरती लेता है । भ्रमण करने के उपरांत मोहल्ले में स्थित मां काली के पौराणिक मंदिर पर जयघोष के साथ इसका समापन होता है । इस कार्यक्रम में सभी नागरिकों की सहभागिता रहती है ।