प्रकाशन अनुदान योजना के लिए रचनाकारों से प्रस्ताव आमंत्रित

*_प्रकाशन अनुदान योजना के लिए रचनाकारों से प्रस्ताव आमंत्रित_*
*_ब्यूरो रिपोर्ट दिलशाद अहमद_*
*_आज का भारत लाइव_*
बहराइच 01 जून। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा संचालित प्रकाशन अनुदान योजना अन्तर्गत ऐसे रचनाकारों जिनकी वार्षिक आय (समस्त स्रोतों से) रू. 5.00 लाख तक है, उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण के लिए अनावर्तक प्रकाशन अनुदान प्रदान करने हेतु प्रस्ताव आमंत्रित हैं। पुस्तक अधिकतम 200 पृष्ठों की होनी चाहिए, प्रस्ताव के साथ पाण्डुलिपि संलग्न करना अनिवार्य है। प्रस्तुत पाण्डुलिपि वापस नहीं की जाएगी। स्वीकृत पाण्डुलिपि लेखक/लेखक के उत्तराधिकारी द्वारा मुद्रित करायी जायेगी। निर्धारित तिथि तक संस्थान में मुद्रित पुस्तक की पाँच प्रतियाँ एवं मुद्रक का प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा।
यह जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निदेशक ने बताया कि इच्छुक रचनाकारों को आवेदन के साथ तहसीलदार द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र, तीन प्रेसों के कोटेशन, दो साहित्यकारों की संस्तुतियाँ संलग्न करना अनिवार्य है। शोध ग्रंथों/सम्पादित पाण्डुलिपि अनुदान हेतु स्वीकार नहीं की जायेगी। नियमानुसार अनुदान लेखक को स्वीकृत होगा। योजना की नियमावली एवं आवेदन पत्र का प्रारूप उ.प्र. हिन्दी संस्थान, राजर्षि पुरूषोत्तमदास टण्डन हिन्दी भवन, 6-महात्मा गॉधी मार्ग, हज़रतगंज, लखनऊ से किसी कार्य दिवस में प्राप्त किया जा सकता है। संस्थान में प्रार्थना पत्र जमा करने की अन्तिम तिथि 18 जुलाई, 2025 है। योजना का विवरण एवं प्रार्थना पत्र का प्रारूप संस्थान की वेबसाइट यूपीहिन्दीसंस्थान डाट इन पर भी उपलब्ध है।