नाबालिग के अपहरण के आरोपी को दो वर्ष का सश्रम कारावास , ₹ पांच हजार का अर्थदण्ड

नाबालिग के अपहरण के आरोपी को दो वर्ष का सश्रम कारावास , ₹ पांच हजार का अर्थदण्ड
-मामले में धनघटा पुलिस ने लगाया था अंतिम रिपोर्ट , कोर्ट के आदेश पर पुनः हुई थी विवेचना
संत कबीर नगर । अवयस्क बालिका के अपहरण के आरोपी को दोषसिद्ध करार देते हुए जनपद एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र प्रसाद चौधरी की कोर्ट ने दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई । कोर्ट ने आरोपी रमेश पर सजा के अतिरिक्त पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड का भी फैसला सुनाया । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । मामले में धनघटा पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दिया था । पीड़ित के कोर्ट से फरियाद करने पर पुनः विवेचना का आदेश हुआ था ।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि मामला जिले के धनघटा थानाक्षेत्र के एक गांव का है । प्रकरण में पीड़िता के पिता ने अभियोग पंजीकृत कराया था । उसका आरोप था कि दिनांक 16 जून 2009 को मेरे घर पर बारात आई थी । पूरा परिवार शादी के कार्यक्रम में व्यस्त था । शादी कार्यक्रम के बाद 15 वर्षीय अवयस्क पुत्री अपनी बहन के साथ शौच के लिए घर से बाहर गई थी । वापस आते समय रास्ते में दूसरे गांव का रमेश पुत्र राम प्रसाद ग्राम सेमरौना थाना धनघटा दो मोटरसाइकिल से अपने सहयोगी राम प्रवेश व दिनेश के साथ मोटर साइकिल पर एक पुत्री को जबरदस्ती बैठा लिया और लेकर भाग गया । शोर पर हम लोग सड़क पर पंहुचे तो आरोपी कुछ दूर निकल गए थे । मामले में धनघटा पुलिस ने अभियोग पंजीकृत किया , परन्तु विवेचना में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दिया । वादी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाया । कोर्ट के आदेश पर पुनः विवेचना हुई और आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया । जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल 10 साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । साक्षियों ने अभियोजन कथानक का समर्थन किया । पक्षों की बहस सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात जनपद एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी की कोर्ट ने आरोपी को दोषसिद्ध करार देते हुए दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई ।