मारपीट करने के आरोपी पिता पुत्र दोषसिद्ध करार , एक वर्ष के परिवीक्षा पर छोड़ा !

मारपीट करने के आरोपी पिता पुत्र दोषसिद्ध करार , एक वर्ष के परिवीक्षा पर छोड़ा!
परिवीक्षा काल के दौरान अपराध कारित करने पर कोर्ट सुनाएगा दण्डादेश !
संत कबीर नगर । घर में घुसकर मारपीट करने के आरोपी पिता पुत्र को दोषसिद्ध करार देते हुए एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट भूपेन्द्र राय की कोर्ट ने परिवीक्षा पर छोड़ने का फैसला सुनाया । आरोपी पिता राम बिलास व पुत्र खेताहू को सदाचरण बनाए रखने की शर्त पर विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट की कोर्ट ने एक वर्ष के परिवीक्षा पर रिहा किया । कोर्ट ने आरोपियों को 25 – 25 हजार रुपए के व्यक्तिगत बन्ध पत्र एवं इतनी ही धनराशि के दो जमानतनामे सात दिन के अंदर प्रस्तुत करने का भी फैसला दिया । परिवीक्षा काल के दौरान आरोपी द्वारा कोई अपराध कारित करने पर कोर्ट तलब करके दण्डादेश के बिन्दु पर सुनकर यथोचित आदेश पारित करने का भी निर्णय दिया है । कोर्ट ने दोनों आरोपियों को एससीएसटी एक्ट के आरोप में दोषमुक्त करने का निर्णय भी सुनाया है ।
विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि प्रकरण जिले के मेंहदावल थानाक्षेत्र के ग्राम पिडारी कला का है । प्रकरण में वादी राम सुभग पुत्र बहादुर ने अभियोग पंजीकृत कराया था । वादी का आरोप था कि वह दिनांक 9 मार्च 2009 को दिन में लगभग 12 बजे मेंहदावल से बाजार करके घर गया था । बरामदे में बैठकर खाना खा रहा था । इतने में राम बिलास पुत्र कौलेसर व उनका पुत्र खेताहू पुत्र राम बिलास ग्राम सिंहरहट थाना मेंहदावल लाठी डंडा लेकर चढ़ आए । गाली देते हुए कहे कि साले चमार की जाति तुमने मुझे चोरी के मामले में फंसाया है । आज तुम्हें नहीं छोड़ेंगे । दोनों आरोपी बरामदे में घुसकर मारने लगे । वादी खाना छोड़कर घर में भाग गया । दोनों आरोपी घर में घुस गए और लाठी – डंडा , लात , घूंसे से मारे पीटे । दोनों आरोपियों ने जानमाल की धमकी भी दिया । पुलिस ने घर में घुसकर मारपीट करने तथा एससीएसटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत करके विवेचना के उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि अभियोजन ने कुल सात साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किया । एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट भूपेन्द्र राय की कोर्ट ने पक्षों की बहस सुनने के पश्चात दोनों आरोपियों को एससीएसटी एक्ट के आरोप में दोषमुक्त कर दिया । जबकि घर में घुसकर मारपीट करने के आरोप में दोषसिद्ध करार दिया । कोर्ट ने आरोपियों को एक वर्ष की अवधि के लिए सदाचरण कायम रखते हुए 25 – 25 हजार रुपए के व्यक्तिगत बंधपत्र एवं समान धनराशि के दो प्रतिभू पर सशर्त परिवीक्षा पर छोड़े जाने का फैसला सुनाया ।