कोर्ट ने मारपीट के आरोपी को एक वर्ष का सदाचरण कायम रखने की शर्त पर परिवीक्षा पर छोड़ा
कोर्ट ने मारपीट के आरोपी को एक वर्ष का सदाचरण कायम रखने की शर्त पर परिवीक्षा पर छोड़ा
-परिवीक्षा काल के दौरान अपराध कारित करने पर कोर्ट सुनाएगा दण्डादेश
संत कबीर नगर । मारपीट के एक आरोपी को दोषसिद्ध करार करते हुए अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने परिवीक्षा पर छोड़ने का फैसला सुनाया । आरोपी को सदाचरण बनाए रखने की शर्त पर अपर जिला जज की कोर्ट ने एक वर्ष की परिवीक्षा पर रिहा किया । कोर्ट ने 20 हजार रुपए के व्यक्तिगत बन्ध पत्र एवं इतनी ही धनराशि के दो जमानतनामे सात दिन के अंदर प्रस्तुत करने का भी फैसला दिया । परिवीक्षा काल के दौरान आरोपी द्वारा इसी प्रकृति अथवा अन्य अपराध कारित करने पर कोर्ट तलब करके दण्डादेश के बिन्दु पर सुनकर यथोचित आदेश पारित करने का भी निर्णय दिया है ।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि प्रकरण धनघटा थानाक्षेत्र के ग्राम बेल्दारी जोत का है । प्रकरण में वादिनी फूल कुमारी ने अभियोग पंजीकृत कराया था । वादिनी का आरोप था कि उनका पुत्र शेर बहादुर सिंह ग्राम बेल्दारीजोत थाना धनघटा निवासी बलवीर सिंह को छोड़ने गया था । बेल्दारीजोत निवासी राम अशीष पुत्र राम अचल व तीन बाल अपचारी घात लगाकर वादिनी के पुत्र की प्रतीक्षा कर रहे थे । पुत्र जैसे ही निर्मला देवी के मकान के सामने पंहुचा । सभी आरोपी गड़ही से निकल कर हत्या करने की नीयत से पुत्र को मारने लगे । मारकर पैर व चेहरा तोड़ दिए । अंगूठी व चेन निकाल लिए । बाइक तोड़कर नष्ट कर दिए तथा मोबाइल टूट कर बिखर गया । घटना दिनांक 23 जुलाई 2017 को समय सात बजे शाम की है । पुलिस ने विवेचना के उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि अभियोजन ने कुल सात साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किया । उन्होंने बताया कि तीन बाल अपचारी की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में अंतरित हो गई है । अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने पक्षों की बहस सुनने के पश्चात आरोपी राम अशीष को तोड़फोड व बिना आशय जानलेवा हमला करने के आरोप में दोषमुक्त कर दिया । जबकि मारपीट कर पैर तोड़ने के आरोप में दोषसिद्ध करार दिया । कोर्ट ने आरोपी को एक वर्ष की अवधि के लिए सदाचरण कायम रखते हुए 20 हजार रुपए के व्यक्तिगत बंधपत्र एवं समान धनराशि के दो प्रतिभू पर सशर्त परिवीक्षा पर छोड़े जाने का फैसला सुनाया ।
