जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक का हुआ आयोजन

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक का हुआ आयोजन
जिला चिकित्सालय सहित जनपद के सभी सीएचसी/पीएचसी चिकित्साधिकारियों को निर्देश, इमरजेंसी से उच्चीकृत चिकित्सालयों में रेफर किए जाने वाले मरीजों/केसों में रेफर करने के कारण भी स्पष्ट उल्लेख किया जाए – डीएम
संत कबीर नगर : जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ समिति (शासी निकाय) के कार्यक्रमों/संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालन आख्या की समीक्षा की गई, जिसमें जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के भुगतान की स्थिति, गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव का आंकड़ा, ओपीडी/आईपीडी में माहवार मरीजों की संख्या के सापेक्ष दवाओं का वितरण आदि की आंकड़े वार समीक्षा की गई। चिकित्सालयों में बायोमेडिकल उपकरणों, एक्स-रे मशीन की क्रियाशीलता आदि के संबंध में भी जिलाधिकारी ने एक-एक कर जनपद के सभी चिकित्सालयों के चिकित्साधिकारियों से जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में चिकित्सालय में उपलब्ध उपकरण खराब नहीं होने चाहिए, खराब होने की दशा में इसकी सूचना से संबंधित चिकित्साधिकारी/ऑपरेटर तत्काल अवगत करायें।
जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान “आभा” आईडी का जनरेशन की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश जारी किया।अक्टूबर माह तक 80 प्रतिशत “आभा” आईडी का जनरेशन किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जिला क्षय रोग समिति, संचारी रोग, रेवीज़ टीकाकरण, स्नेक बाइट वैक्सीन की उपलब्धता, चिकित्सालयों में चिकित्सकों एवं दवाओं की उपलब्धता सहित मरीजों के हित में स्वास्थ्य संबंधित उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं/सुविधाओं की विस्तृत समीक्षा की किए। बैठक में प्रमुख रूप से मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी रहे मौजूद।
डब्ल्यू0एच0ओ0 एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि द्वारा जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में कार्यों का लक्ष्य एवं गुणवत्ता के सापेक्ष प्रगति की समीक्षा से संबंधित पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया।
जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान समस्त चिकित्सालयाधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद स्तर के औषधि स्टोर से दवाइयों का चिकित्सालयों पर वितरित करने की प्रक्रिया तथा ओपीडी के सापेक्ष मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही दवाओं का वितरण की आंकड़ेवार जानकारी से संबंधित स्पष्ट रिपोर्ट मीटिंग में रखी जाए।
समीक्षा के दौरान “आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड” बनाए जाने की प्रगति की समीक्षा में पाया गया कि वर्तमान में 303556 आयुष्मान कार्ड बनाए जाने बाकी हैं जिनसे संबंधित सभी आंकड़े प्राप्त हो चुके हैं, इस पर जिलाधिकारी ने आवश्यकतानुसार जिला पूर्ति अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के साथ संपर्क में रहकर राशन वितरण की दुकानों/कोटेदारों के केंद्र पर राशन वितरण होने के दिन गोल्डन कार्ड बनाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए और इस संबंध में ऑथेंटिक डाटा पहले से ही संबंधित को उपलब्ध करा दिया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चिकित्साधिकारी अपने चिकित्सालयों में मरीजों के उचित देखभाल से संबंधित बेसिक सुविधाओं जैसे-बैठने की व्यवस्था, पानी, शौचालय, व्हीलचेयर सहित अन्य चिकित्सीय उपकरणों आदि के सुचारू संचालन सुनिश्चित रखें। उन्होंने कहा कि चिकित्साधिकारीगण अपने कार्यों एवं जिम्मेदारियों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करें, कार्यों के प्रति लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारी तय करते हुए संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में जिला स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों, स्वास्थ्य संकेतकों की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति पर बिंदुवार समीक्षा की गयी। बैठक में डीपीएम विनीत कुमार श्रीवास्तव ने एजेंडा बिंदु सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति से जिलाधिकारी को अगवत कराया।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी सहित सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कदापि लापरवाही न बरती जाए, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का रूटीन टीकाकरण, बच्चों में कुपोषण के स्थिति की जांच आदि की विभागीय स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना के व्यवस्थित संचालन, ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों जैसे-आशा एवं ए0एन0एम0 की कार्य प्रणाली, संस्थागत प्रसव आदि से सम्बंधित चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित जितनी भी सेवाओं/योजनाओं का संबंध ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों (आशा/एएनएम) से है उसकी समीक्षा अनिवार्य रूप से मुख्य चिकित्साधिकारी एवं सम्बंधित चिकित्साधिकारीगण एक-एक आशा/एएनएम के सापेक्ष सुनिश्चित करें और कंप्लीट डाटा के साथ ही बैठक में प्रतिभाग करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं/कार्यक्रमों के संचालन एवं आउटपुट की सतर्क मॉनीटरिंग भी की जाए।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 रामानुज कन्नौजिया, जिला विकास अधिकारी सुरेश चंद्र केसरवानी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 भवनाथ पांडेय, डब्ल्यू0एच0ओ0 एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि सहित चिकित्सालयों के एम0ओ0आई0सी0 व अन्य सम्बंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।