हुनर व कला किसी की मोहताज नहीं होती- प्रधानाचार्य

हुनर व कला किसी की मोहताज नहीं होती- प्रधानाचार्य
गोरखपुर -घघसरा-हुनर व कला किसी की मोहताज नहीं होती। व्यक्ति जितनी गहराई में गोता लगता है, उतनी अधिक संख्या में मोतियों को पता है। दिव्यांग बच्चों ने जिस प्रकार अपनी हुनर व कला परिचय दिया है, पूरे विद्यालय परिवार का सिर गर्व से ऊचा हो गया है। जिले में अपना व विद्यालय का नाम रोशन करने वाले इन सभी सात बच्चों को प्रणाम पत्र देते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है, ईश्वर सबके साथ न्याय करता है, वह बड़ा कारसाज है।
उक्त उद्गार वैदिक धर्म इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर मिश्र ने व्यक्त की। वह बुधवार को अपने विद्यालय के दिव्यांग कलाकार बच्चों को प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग सशक्तिकरण पर हमारे विद्यालय के होनहार दिव्यांग बच्चों ने जिस प्रकार अपनी कला का परिचय दिया जिले में उसकी खूब सराहना हो रही है।
विद्यालय के प्रबंधक सूबेदार राज ने कहा कि- दसवीं का पढ़ने वाला हाई स्कूल का छात्र छबिलाल नेत्रहीन होते हुए भी जिस प्रकार अपने संगीत गायन कला का परिचय दिया वह काबिलेतारीफ है। वहीं विद्यालय की बेटी ब्यूटी गायन शैली व मोबाइल फोन के अनेक प्रोग्राम करके सबका मन मोह लिया है। विद्यालय परिवार के अनेक शिक्षकों ने अपने-अपने विचार साझा किये सभी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उक्त अवसर पर प्रबंधक विद्यालय प्रबंधक सूबेदार राज,प्रधानाचार्य चंद्रशेखर मिश्र, शिक्षक ध्रुव नारायण पांडेय,सत्यप्रकाश पाण्डेय, पवन पाण्डेय, हृदेश रावत, रामबरन शास्त्री, राम भजन, सुरेन्द्र नाथ पाण्डेय,विकास उपाध्याय, कौशल नियाज, अजय वर्मा, दानिश खान, उमेश, महेन्द्र मौर्य समेत कई लोग मौजूद थे।