हत्यारोपी अस्पताल संचालक की जमानत निरस्त

हत्यारोपी अस्पताल संचालक की जमानत निरस्त।
संत कबीर नगर –
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि वादी संतराम ग्राम पहुरा थाना पुरानी बस्ती जनपद बस्ती के द्वारा दिनांक 08.04.2025 को थाना खलीलाबाद पर एक लिखित तहरीर इस कथन के साथ प्रस्तुत किया गया कि उसकी नातिन ममता पुत्री रामभवन सन्स हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर पर रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थी जिसकी ड्यूटी 24 घण्टे के आधार पर थी। इसी कारण अस्पताल की ओर से निःशुल्क आवास की व्यस्था थी तथा ममता अस्पताल द्वारा उपलब्ध करवाये गये आवास पर रहती थी। दिनांक 07.04.2025 को रात में 11:13 बजे ममता की अपने माँ से बातचीत हुई थी उस समय वह ठीक थी। दिनांक 08.04.2025 को अस्पताल के संचालक रामजी राव द्वारा फोन करके बताया गया कि ममता की मृत्यु हो गयी है। इस सूचना पर वह अपने पड़ोसी के साथ सन्स हास्पिटल पर पहुंचा तो वहां के संचालक तथा कर्मचारी मौके से फरार थे। मृतका ममता के शरीर पर नाखून की खरोच का निशान था तथा उसका वस्त्र भीगा हुआ था। ममता का शव अस्पताल के एक वेड पर पड़ा हुआ था। ममता की मृत्यु में अस्पताल के संचालक रामजी राव की भूमिका संदिग्ध है, अतः अभियोग पंजीकृत करके कार्यवाही की जाये। मामले में थाना खलीलाबाद में मुकदमा पंजीकृत होने के बाद आरोपी संचालक रामजीत भारती उर्फ रामजी राव को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्त की ओर से सत्र न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया और कहा गया है कि वह निर्दोष है तथा उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। मृतका ममता की मृत्यु की जानकारी होने पर अभियुक्त द्वारा उनके घर वालों को तत्काल सूचित किया गया। मौके पर काफी भीड़ हो गयी थी। इसी का फायदा उठाकर उसके विरोधियों ने मुकदमा पंजीकृत करा दिया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किये और तर्क दिए कि अभियुक्त द्वारा घटना को अंजाम दिये जाने से संबंधित साक्ष्य पुलिस द्वारा एकत्रित किया गया है ।अभियुक्त का कृत्य जघन्य है ।यदि उसका जमानत हो जाएगा तो वह जमानत का दुरुपयोग करेगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी ने आरोपी रामजीत भारती उर्फ रामजी राव की जमानत अर्जी निरस्त कर दिए।