गायकी के जरिये जनजन तक पहुंच रहे कबीर के संदेश :प्रहलाद सिंह
गायकी के जरिये जनजन तक पहुंच रहे कबीर के संदेश :प्रहलाद सिंह

संतकबीर नगर-मगहर-कबीर का संदेश मानव मात्र के लिए ही नहीं बल्कि जीवमात्र के लिए है । किसी वर्ग विशेष या सम्प्रदाय के लिए नहीं । कबीर ने मानव को मानव से जोड़ा है जो उनका राग ( प्रेम ) जो कि अन्तर का है । जिसमें अध्यात्म का गहरा समन्वय है जो हर जीव में है। उक्त विचार अंतरराष्ट्रीय कबीर निर्गुण भजन मालवी लोक शैली के गायक प्रहलाद सिंह टिपानिया कुशीनगर में कार्यक्रम करने के बाद मध्यप्रदेश वापस जाते समय मगहर में कबीर समाधि का दर्शन करने के पश्चात भेंट वार्ता के दौरान व्यक्त किया।
उन्होंने बताया कि उनका जन्म मध्यप्रदेश के ग्राम लून्याखेड़ी (कबीर नगर) जनपद उज्जैन में हुआ। शिक्षक पद पर भी अपनी सेवा दी है। उन्होंने बताया कबीर के निर्गुण भजन मालवी लोक शैली में भारत के विभिन्न प्रान्तों में कबीर गायक की प्रस्तुति की है। इसके साथ ही विदेशों में अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, भूटान, यू.ए.ई,नेपाल, पाकिस्तान आदि अन्य देशों में प्रभावी प्रस्तुति दे कर कबीर के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास किया है। इसके अलावा उनके द्वारा अमेरिका में स्टैनफोर्ड, प्रिंसटन, येल, हार्वर्ड, सहित 40 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में कबीर गायन की प्रस्तुति किया है। फिल्मों में भी गाया। उनके गाय गए मालवी लोक शैली के भजन वेब सीरीज पाताल लोक में “सकल हंस में राम बिराजे” भजन को शामिल किया गया साथ ही मुल्क फिल्म भी आपके द्वारा “कहां से आया कहां जाओगे खबर करो अपने तन की” भजन गाया। एक मराठी फिल्म चरणदास चोर में भी एक भजन शामिल किया गया “जागृत रहना रे नगर में चोर आएगा”। उन्होंने आगे बताया कि।पिछले 29 वर्षों से कबीर महोत्सव एवं गुरु महोत्सव पर्व पर अनेक सांस्कृतिक काव्यगोष्ठी, प्रवचन, संत सम्मान समारोह का आयोजन साथ ही नशामुक्ति व समाज की कुरीतियों एवं रूढ़ियों और अंधविश्वासों को दूर करने का कबीर वाणी के माध्यम से प्रयास किया है। वर्ष 2010 से निरंतर मालवा कबीर यात्रा का आयोजन इस आयोजन में देश के प्रख्यात कलाकारों के साथ-साथ विदेश से कई कला साहित्य संगीत और अध्यात्म से जुड़े लोगों ने इसमें शिरकत की हैं। इस दौरान केशव दास, वैद्य राम शरन दास, रोहित दास, विनोद दास आदि मौजूद रहे।
