डॉक्टर ने नवजात को 5.50 लाख रुपए में बेचा

डॉक्टर ने नवजात को 5.50 लाख रुपए में बेचा
मां से बोलते रहे- ICU में चल रहा है इलाज
उत्तर प्रदेश –
बिजनौर में डॉक्टरों द्वारा एक नवजात बच्चे को 5.30 लाख रुपए में बेच दिए जाने का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रशासन बच्चें के माता-पिता से झूठ बोल रहे थे कि बच्चे की हालत खराब है, और उसका इलाज आईसीयू में इलाज चल रह है।
दो हफ्ते तक बच्चे की मां को एडमिट रखा, फिर छुट्टी दे दी। मां जब भी बच्चे के बारे में पूछती तो उसे बच्चे से नहीं मिलने देते थे।
पुलिस ने 23 अगस्त को बच्चे को बरामद कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में बच्चे को बेचे जाने की बात सामने आई है। मामला SR हेल्थकेयर सेंटर का है। महिला के पति से हॉस्पिटल स्टाफ ने सादे कागज पर साजिश के तहत साइन भी कराए थे।
बच्चे को पाने की चाहत में परेशान महिला तीन महीने तक अस्पताल और थाने के चक्कर काटती रही। परेशान मां-बाप न्याय के लिए पूर्व सांसद के पास पहुंचे। इसके बाद उन्होंने मामले को एसपी तक पहुंचाया। मामले में नूरपुर पुलिस ने 19 अगस्त को FIR दर्ज की थी।
हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र के छोय्या नंगली गांव के रहने वाले करण सिंह ने बताया- मेरी पत्नी रुकमेश मां बनने वाली थी। 13 मई को उसे प्रसव पीड़ा हुई। हम उसे लेकर पास के ही एसआर हेल्थकेयर सेंटर पहुंचे। वहां उसका चेकअप हुआ। डॉक्टर बोले- ऑपरेशन करना पड़ेगा।
डॉक्टरों ने तुरंत उसे एडमिट कर लिया। थोड़ी देर बाद पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। खबर मिलते ही हम खुश हो गए। डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है। उसे अलग से भर्ती करना पड़ेगा। नर्स बच्चे को उठा ले गई। फिर हमें नहीं देखने दिया।
परिजन जब भी बच्चे के बारे में पूछते तो अस्पताल प्रशासन द्वारा यही कहा जाता कि सब ठीक है। घबराएं नहीं, इलाज चल रहा है। हम लोगों से इसी तरह 2 हफ्ते तक झूठ बोला गया। फिर 28 मई की सुबह हमसे एक कागज पर साइन करा लिया गया। इसके बाद यह बोलकर हमारी पत्नी को छुट्टी दे दी कि अभी बच्चे का इलाज जारी है।
हॉस्पिटल के स्टाफ ने बताया कि हमारे बच्चे को इलाज के लिए बाहर भेजा गया है। लेकिन हम लोगों को कभी बच्चे से मिलने नहीं दिया। वहां से आने के बाद मैं रोज अस्पताल के चक्कर लगाता। लेकिन बच्चे का कुछ भी पता नहीं चला। यह सिलसिला 3 महीने तक चलता रहा, हारकर मैंने चांदपुर पुलिस से शिकायत की।
13 मई को डिलीवरी होने के बाद नर्स ने बच्चे को ले लिया। मुझे दूसरे रूम में शिफ्ट कर दिया। बोला गया कि बच्चा दूसरी जगह भेजा है। उसकी हालत नाजुक है। रोज मुझसे यहीं कहा जाता कि बच्चा मिल जाएगा।
अस्पताल के डॉ. जावेद, डॉ. रीना चौधरी, डॉ. महर सिंह, सलमान और नर्स वंदना के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने जांच की और सलमान को गिरफ्तार कर लिया। सलमान की निशानदेही पर बच्चा खरीदार को अरेस्ट किया। पूछताछ में मामले का खुलासा हुआ। इतना परेशान होने के बाद मुझे मेरा बेटा मिला।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद ही बच्चे को चांदपुर के धन्वंतरि अस्पताल के कर्मचारी प्रदीप को 2.70 लाख में बेच दिया। इस काम में करण का बहनोई माखन उसके दोस्त राकेश, धर्मेंद्र और SR हेल्थकेयर सेंटर के संचालक सलमान डॉ. रीना चौधरी और नर्स वंदना शामिल हैं।
प्रदीप ने बच्चे को नजीबाबाद के वर्णिका हॉस्पिटल की डॉक्टर आरती और उनके साथी डॉ. सूरज के पास पहुंचाया। इसके बाद डॉक्टर आरती डॉ. सूरज ने बच्चे को बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के जीएनसीटी कॉलोनी निवासी रवि अग्रवाल और उनकी पत्नी प्रियता को साढ़े पांच लाख में बेच दिया।
एसपी ग्रामीण विनय कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल से बच्चा चोरी व बेचने का मामला सामने आया है। 15 लोगों के नाम सामने आए थे। इनमें 3 लोग SR हेल्थकेयर सेंटर से संचालक सलमान, बच्चे को खरीदने वाले रवि अग्रवाल और उसकी पत्नी प्रियता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
तथा बच्चे को सकुशल माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया।