दो मासूम बहनों के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को पाक्सो कोर्ट ने सुनाया उम्र कैद की सजा

दो मासूम बहनों के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को पाक्सो कोर्ट ने सुनाया उम्र कैद की सजा
-एसएचओ कोतवाली ने कायम नहीं किया था अभियोग , एसपी के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा
-नालसा प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िताओं को 50 – 50 हजार रुपए का क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश
संत कबीर नगर । दो मासूम बहनों को बहला-फुसला कर दुष्कर्म करने के आरोपी को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए उम्रकैद का सजा सुनाया । आरोपी कालभवन पर कोर्ट ने सजा के साथ 20 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । कोर्ट ने अर्थदण्ड की 20 हजार रुपए की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का भी फैसला सुनाया है । इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पीड़िताओं को नालसा प्रतिकर स्कीम के अंतर्गत 50 – 50 हजार रुपए कुल एक लाख रुपए का प्रतिकर देने का भी फैसला दिया । मामले में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ने अभियोग पंजीकृत नहीं किया था । पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मुकदमा कायम हुआ था ।
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्युपाल , सत्य प्रकाश गुप्ता , सत्येन्द्र शुक्ल , अनिल कुमार सिंह व वादिनी के अधिवक्ता प्रदीप पांडेय ने बताया कि प्रकरण जिले के कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के एक गांव का है । प्रकरण में पीड़ित पुत्रियों की मां ने अभियोग पंजीकृत कराया था । उसका आरोप था कि दिनांक 16 मई 2019 की रात में उसके घर के सामने बारात आई थी । जिसे देखने के लिए उसकी पांच वर्ष व छः वर्ष की मासूम दोनों पुत्रियां गईं थीं । उसके पति मजदूर पेशा व्यक्ति हैं । अपने ठेकेदार के अधीन किसी के मकान का छत लगा रहे थे । घर पर मौजूद नहीं थे । आरोपी काल भवन पुत्र दुलारे ग्राम अनई थाना कोतवाली खलीलाबाद जो आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है । उसी रात लगभग नौ बजे दोनों मासूम पुत्रियों को बहला-फुसलाकर अर्द्धनिर्मित जिला कारागार के पास नाले में ले गया । आरोपी ने पहले छोटी पुत्री के साथ दुष्कर्म किया । देर होने पर वादिनी खोजते – खोजते नाले के पास पंहुची तो छोटी पुत्री रो रही थी । जबकि बड़ी पुत्री के साथ आरोपी दुष्कर्म कर रहा था । शोर मचाने पर उसके पति व आसपास के लोग आ गए । आरोपी लोगों को देखकर भाग गया । थाने पर घटना के संबंध में प्रार्थना पत्र देने पर आरोपी के प्रभाव में प्रभारी निरीक्षक ने अभियोग पंजीकृत नहीं किया । पुलिस अधीक्षक के आदेश पर दुष्कर्म का अभियोग पंजीकृत हुआ । विशेष लोक अभियोजक अभिमन्युपाल ने बताया कि प्रकरण में 8 साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । सभी ने घटना का समर्थन किया । पक्षों की बहस सुनने के पश्चात एडीजे व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने आरोपी काल भवन को दोषसिद्ध करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई ।