धनघटा तहसील में प्रगति सेवा संस्थान “ड्रग मुक्त जन अभियान” का किया गया आयोजन।

धनघटा तहसील में प्रगति सेवा संस्थान “ड्रग मुक्त जन अभियान” का किया गया आयोजन।
ब्यूरो रिपोर्ट- के0पी0 मौर्य
संत कबीर नगर- आज दिनांक 21 सितंबर 2025 को धनघटा तहसील के पौली विकास खण्ड के पौली चौराहे पर
आज “ड्रग मुक्त जन अभियान” पौली चौराहे पर प्रगति सेवा संस्थान के द्वारा प्रदीप सिंह सिसोदिया के संयोजन में एक बैठक आयोजित किया गया। जिसमें जनपद को ड्रग विहीन, नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया,
इस कार्यक्रम में आयोजक यूथ आइकन प्रदीप सिसोदिया ने कहा कि प्रत्येक बच्चे के लिए उसका पिता उसका आदर्श हीरो होता है, जब पिता नशा करके घर जाता है तो घर का माहौल अत्यंत तनावपूर्ण होता है और घर का बच्चा धीरे धीरे कुंठित होने लगता है
नशा के कारण घरेलू हिंसा में बहुत बढ़ोत्तरी हुआ है,मार्ग दुर्घटनाएं और चोरी की घटनाएं भी नशा की वजह से बड़ी हैं
आज युवाओं के साथ साथ युवतियां भी ड्रग की चपेट में आ रही हैं जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है, नशा पाने के लिए लोग चोरी, छीनैती और मादक द्रव्यों का आदान प्रदान,देह व्यापार जैसी अपराधों में लिप्त हो रहे हैं,बहुत से परिवारों की पैतृक संपत्ति और व्यावसायिक संपत्तियां भी बिक्री हो गई,बहुत से बच्चों की पढ़ाई तो बेटियों के विवाह तक नहीं हो पा रहे हैं,
कॉलेजों के बाहर, चाय की दुकानों, रेस्टोरेंटों,और होटलों में भी नशा का व्यापार बड़े पैमाने पर होने लगा है।
समाज में नए धन्नासेठों द्वारा अपना स्टेटस दिखाने के लिए सामान्य पार्टियों में भी नशा का आयोजन कर समाज को खराब किया जा रहा है।
हमारे समाज में धार्मिक आधार पर भी नशे को प्रतिबंधित किया गया हैl
हिंदू धर्म में नशे को तामसिक (अज्ञात या अंधकार), पाप कर्म और अनैतिक माना गया है, चेतना और शुद्धता, कर्म और स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डालता है,
मनुस्मृति के 11 वे अध्याय,श्लोक 90 के अनुसार शराब प्रतिबंधित है।
ऋग्वेद में इसे सुरा(मादक पदार्थ) कहा गया है और इसकी कड़ी निंदा है,
उपनिषद,छांदोग्य उपनिषद में शराब पीने को पंच महापातक(पांच सभी बड़े पापों) में से एक है।
गरुण पुराण में जो व्यक्ति शराब का सेवन करता है उसका अगला जन्म कुत्ते का होता है,
पुराणों की कथाएं और आध्यात्मिक दृष्टिकोण नशा से केवल शारीरिक ही नहीं आध्यात्मिक बाधा भी डालती है!
इस्लाम धर्म में , कुरान के सुरह अल_माईदा (अध्याय 5) आयत 90 में शराब और जुए से दूर रहने की सलाह दी गई हैl
सिख धर्म, गुरु ग्रन्थ साहिब में नशे को मनुष्य की बुद्धि को भ्रमित करने वाला और भगवान से दूर करने वाला बताया गया है,
सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने शराब और तंबाकू के सेवन पर पूरी तरह रोक लगा दी थी,
जैन धर्म में किसी भी तरह के नशे को महापाप माना गया है,
बौद्ध धर्म,में नशे को पंचशील के पांचवे नियम में कहा गया है कि किसी भी नशे का सेवन नहीं करना है,
ईसाई धर्म में इशू ने सीधे तौर पर शराब या नशीले पदार्थों के सेवन को प्रतिबंधित नहीं किया लेकिन कई जगहों पर नशीले पदार्थों की अनुमति भी नहीं दिया गया है ,
यहूदी धर्म में भी शराब और नशे की चीजों को शक्त प्रतिबंधित किया गया है,
प्रशाशन को ऐसी घटनाओं की अधिकांश जानकारी तक नहीं लग पा रही है,कानूनों में नशा कारोबारियों के विरुद्ध कड़ी सजा का प्रावधान नहीं होने की वजह से बहुत जल्द छूट जाते हैं और अपना नशा का कारोबार पुनः प्रारंभ कर देते हैं,
हमारे देश में ऐसे कुरीतियों को धार्मिक और ना ही सामाजिक मान्यताएं थीं ऐसे कार्यों को करने वालों का समाज बहिष्कार और दंडित करने का कार्य करता था,कालांतर में भारत पर आक्रांताओं की गुलामी ने हमारे धर्म, संस्कृति और समाज को विघटित करने का कार्य किया जिसका दुष्परिणाम आज हमारा समाज भोग रहा है,युवाओं में नैतिक,शारीरिक और चारित्रिक शिक्षा का अभाव आधुनिक शिक्षा प्रणाली की वजह से हो रहा है जिसका दुष्परिणम नशाखोरी,भ्रष्टाचार,चारित्रिक पतन जैसे व्यवसन ले रहे हैं,अगर हमे अपने बच्चों,समाज और देश को इन कुरीतियों से बचाना है तो अपने पुरानी संस्कृति को आत्मसात करते हुवे नशेड़ियों और गलत कार्य करने वालों से बचना होगा और उनका सामाजिक बहिष्कार के साथ उनके विरुद्ध जन अभियान चलाकर संवैधानिक तरीके से सजा दिलाना होगा,ऐसे दुष्चरित्रों से किसी भी प्रकार के संबंध और पारिवारिक रिश्ते को सुधार करते हुवे आधुनिक ताकत मीडिया,सोशल मीडिया के माध्यम से जन अभियान चलाकर इनके ड्रग व्यवसाय को समाप्त करने तक संघर्ष हेतु एक लक्ष्य तय कर आप सभी संभ्रांत जनों और युवा साथियों का आह्वाहन करने आया हूं,
संबोधन में मुख्य रूप से सहित सभी वक्ताओं ने समाज में बढ़ रहे नशे के विरुद्ध चिंता व्यक्त करते हुए इसके प्रभावी रोक थाम के लिए इस ड्रग मुक्ति जन अभियान कार्यक्रम को सराहा और कार्यक्रम आयोजक प्रदीप सिसोदिया को अपना हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया,
सभी वक्ताओं ने कहा कि यह एक बहुत आवश्यक पहल है इसमें हम सभी एक साथ भाग लेंगे और इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखेंगे।