छत के कुंडी से लटकता मिला ड्राइवर युवक का शव

छत के कुंडी से लटकता मिला ड्राइवर युवक का शव
महुली क्षेत्र के ग्राम कोदवट का मामला
महुली- संत कबीर नगर- महुली थाना क्षेत्र के ग्राम कोदवट में ग़ुरूवार को छत की कुंडी से साड़ी के फंदे से 28 वर्षीय ड्राइवर का शव सन्दिग्ध परिस्थियो में मिलने से हड़कम्प मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंच गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस मामले को लेकर गांव में अलग अलग चर्चा चल रही है। युवक किस कारण से आत्मघाती कदम उठाया है। इसकी पुष्टि नही हो सकी। पति के मौत होने सूचना पर मायके से पत्नी पहुंच गई। दहाड़ मारकर रोने से पूरा माहौल गमगीन हो गया था।
महुली थाना क्षेत्र के कोदवट गांव निवासी मनीष पुत्र इंद्रजीत उम्र करीब 28 साल दो बच्चे और पत्नी के जियोपार्जन चलाने के लिए घर पर रहता था। गांव के एक व्यक्ति के प्राइवेट चार पहिया वाहन को वर्षो से ड्राइविंग करके पैसा कमा रहा था। ग़ुरूवार करीब 11 बजे दिन में सन्दिग्ध परिस्थियो में घर के कमरे में छत की कुंडी से मनीष का शव लटकता देख गया परिजन चौक गए। शोर मचाया अधिक संख्या में लोग जुट गए। पुलिस पहुंची। शव को नीचे उतरवाया। पँचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मनीष कुमार किस कारण से मौत को गले लगाया इसकी पुष्टि नही हो सकी है। ग्रामीणों के अनुसार मृतक मनीष कुमार गांव के ही प्रधान प्रतिनिधि की चार पहिया गाड़ी को चला रहा था। मृतक की पत्नी कुछ दिन पूर्व मायके चली गई थी। मौत होंने की जानकारी मिलते ही पत्नी मोनी पहुंची, और दहाड़़ मार कर रोने लगी ,रोता देख गांव का हर किसी की आंखे नम हो गई।
मृतक के बेटे मंजीत और बेटी माही के सर से उठा पिता का साया
महुली थाना क्षेत्र ग्राम कोदवट निवासी मनीष कुमार की अचानक बृहस्पतिवार की हुई मौत के बाद उसके मासूम दो बच्चों के सर से साया उठ गया, यह कहकर पत्नी मोनी दहाड़ मार कर रो रही थी मोनी ने बताया कि पति से ही पूरे घर का खर्च चलता था बच्चों की पढ़ाई लिखाई उन्हीं के सर थी ,अब उनके ना रहने पर बच्चों की पढ़ाई लिखाई कौन कराएगा। घर का खर्चा कौन चलाएगा यह कहकर वह रो-रो करके बेहोश हो जा रही थी गांव के लोग उसे सांत्वना दिला रहे थे दोनों बच्चे मनजीत और माही भी मां के साथ दहाड़े मार कर रो रहे थे पूरा माहौल गमगीन बना हुआ था पत्नी ने बताया कि अगर वह जानती कि उनके पति उनके गैर मौजूदगी में इस तरह का कदम उठा लेंगे तो वह कतई मायके नहीं जाती