भोपाल ले जा करके दुष्कर्म करने के आरोपी को आठ वर्ष का सश्रम कारावास

भोपाल ले जा करके दुष्कर्म करने के आरोपी को आठ वर्ष का सश्रम कारावास
-अपहरण के आरोप में मां , दो भाई , दो बहन समेत छः के विरुद्ध पंजीकृत हुआ था अभियोग
-नालसा प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को 20 हजार रुपए का क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश
संत कबीर नगर । अवयस्क किशोरी को भोपाल ले जा करके दुष्कर्म करने के आरोपी को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए आठ वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई । आरोपी धर्मेन्द्र पर कोर्ट ने सजा के साथ विभिन्न धाराओं में 12 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । कोर्ट ने अर्थदण्ड की 12 हजार रुपए की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का भी फैसला सुनाया है । इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को नालसा प्रतिकर स्कीम के अंतर्गत 20 हजार रुपए का प्रतिकर देने का भी फैसला दिया ।
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्युपाल , सत्य प्रकाश गुप्ता , सत्येन्द्र शुक्ल , अनिल कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण जिले के धनघटा थानाक्षेत्र के एक गांव का है । प्रकरण में पीड़िता के पिता ने अभियोग पंजीकृत कराया था । उनका आरोप था कि आरोपी धर्मेन्द्र पुत्र कोदई अपने भाई संतोष व जग्गा पुत्रगण कोदई जो भोपाल में रहता है । अपनी बहन गुड़िया जो ग्राम झिंगुरापार थाना महुली में रहती है , के यहां रुका था । अपनी मां सुभद्रा पत्नी कोदई और एक बहन जिसका नाम छोटी है के माध्यम से मेरी 15 वर्षीय अवयस्क पुत्री को बहला-फुसलाकर तथा लालच देकर भगा ले गया । घटना 26 जनवरी 2015 के लगभग 12 बजे दिन की है । पुलिस ने आरोपी समेत उसके परिवार के छः लोगों के विरुद्ध अपहरण का अभियोग पंजीकृत किया । विवेचना के दौरान अन्य आरोपियों का नाम निकालते हुए आरोपी धर्मेन्द्र के विरुद्ध दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट की धारा की बढ़ोत्तरी करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । विशेष लोक अभियोजक अभिमन्युपाल ने बताया कि प्रकरण में आठ साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । सभी ने घटना का समर्थन किया । पक्षों की बहस सुनने के पश्चात एडीजे व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने आरोपी धर्मेन्द्र को दोषसिद्ध करार देते हुए आठ वर्ष के सश्रम कारावास का सजा सुनाया ।