भौतिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा भी विद्यार्थियों को दी जाए-आचार्य प्रशांत शर्मा जी

नोएडा–
आज दिनांक 22 दिसंबर, 2024 को ग्रेटर नोएडा वर्ल्ड स्कूल के सभागार में “राष्ट्रोत्कर्ष के विविध सूत्र ” विषय पर राष्ट्रचिंतना की बाईसवीं गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
गोष्ठी की अध्यक्षता प्रो आर एन शुक्ला ने की। गोष्ठी में मुख्य वक्ता आचार्य प्रशांत शर्मा रहे। मां भारती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर तथा पुष्प अर्पित कर गोष्ठी का प्रारंभ किया गया।
विषय परिचय करवाते हुए प्रोफेसर विवेक कुमार,निदेशक एमिटी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा ने कहा कि राष्ट्र के उत्कर्ष के साथ ही इसके विभिन्न अवयवों जैसे राज्य, प्रांत, नागरिकों का उत्कर्ष निहित है। अतः हमारी समस्त ऊर्जा भारतवर्ष को परम वैभव के सिंहासन तक पहुंचाने पर ही केंद्रित व कार्यशील हो।
आचार्य प्रशांत शर्मा ने अपने ओजपूर्ण संबोधन में कहा कि समाज की अनेक बुराइयों जैसे शिक्षा में राष्ट्र प्रेम का अभाव, अपनी गौरवपूर्ण सभ्यता संस्कृति तथा संस्कारों के प्रति भाव का अभाव, युवाओं में नशावृत्ति, समाज में नारीशक्ति का अनादर, परिवार विच्छेद आदि समस्याओं का गुरुकुल की शिक्षा पद्धति द्वारा ही निवारण संभव है।
पाश्चात्य शिक्षा से अबोध युवाओं के मन पर विपरीत असर हो रहा है। युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ने से आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे निर्भय कांड व कोलकाता की महिला चिकित्सक के साथ दुराचार जैसी घटनाएं हो रही हैं।
अतः आवश्यक है कि भौतिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा भी विद्यार्थियों को दी जाए। जिससे उनमें धैर्य, शील, चरित्र का विकास हो। उन्होंने समाज से अपील की कि राष्ट्रनिर्माण में गुरुकुल की उपयोगिता देखते हुए अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करे।विद्यार्थियों को सदाचार, पुरुषार्थ व ब्रह्मचर्य का पालन करने को प्रेरित किया । राजेश बिहारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया।
गोष्ठी में डॉ नीरज कौशिक, डॉ अंबिका प्रसाद पांडे, राजेंद्र सोनी, इंद्रजीत सिंह, सुरजीत उपाध्याय, श्रीनिवास, श्री चंद गुप्ता, भोला ठाकुर, इं आर पी सिंह, रजत टंडन, डॉ राजेंद्र पुरवार, डॉ जय श्री पुरवार, अवधेश गुप्ता, धर्म पाल भाटिया, सरोज, मीनाक्षी, सविता, विनोद, विजय, माया कर्ण, ज्योति सिंह आदि प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।