बहराइच – आकांक्षी जनपद बहराइच के विकास में भागीदार बनेगी शिक्षा ।

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आकांक्षी जनपद बहराइच के विकास में भागीदार बनेगी शिक्षा ।
रिपोर्ट – दिलशाद अहमद
आज का भारत लाइव
बहराइच 26 अगस्त।
शासन द्वारा वर्ष 2024-25 में कक्षा-8 में अध्ययनरत रहे सभी बच्चों का कक्षा 9 में शत-प्रतिशत प्रवेश सुनिश्चित कराने के लिए 01 अप्रैल से 15 अप्रैल 2025 तक संचालित किये गये विशेष नामांकन अभियान की समीक्षा में पाया गया कि 20 मई 2025 तक मात्र 50 प्रतिशत बच्चों द्वारा ही कक्षा-9 में प्रवेश लिया गया जो कि काफी कम है। इस स्थिति का संज्ञान लेते हुए जिले के समस्त विद्यालयों एवं मदरसों के कक्षा 08 उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रवेश दिलाने के दृष्टिगत जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी द्वारा अभिनव प्रयास किये जा रही हैं। कक्षा 8 उत्तीर्ण कोई भी बच्चा अगली कक्षा में प्रवेश लेने से वंचित न रहने पाये इसके लिए डीएम के निर्देश पर समस्त ब्लाकों के लिए 01-01 नोडल अधिकारी व सह नोडल अधिकारी तथा सम्बन्धित ब्लाकों के सीडीपीओ व बीईओ को ब्लाक स्तरीय समन्वय अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जिलाधिकारी का मानना है कि बहराइच जैसे आकांक्षी जनपद के सर्वागीण विकास में शिक्षा एवं लघु उद्योगों की स्थापना महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जहां शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास प्रदान करके सशक्त बनाती है, जिससे वह बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होते है जिससे वे जीवन में सफल होते है। शिक्षा सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है, जिससे समाज में समृद्धि और वैज्ञानिक उन्नति आती है। शिक्षा व्यक्तित्व को निखारती है, नैतिक मूल्य सिखाती है और लोगों को समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करती है। वहीं दूसरी ओर लघु उद्योगों की स्थापना से आमजनमानस को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। इसी मंत्र को मूर्तिरूप देने के लिए जनपद का जिलाधिकारी का पदभार ग्रहण करते ही श्री त्रिपाठी द्वारा शिक्षा के विकास के साथ सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों को गति प्रदान करने व मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान को धरातल पर कार्यान्वित करने हेतु भागीरथ प्रयास किये जा रहे हैं।
कक्षा 08 उत्तीर्ण शत-प्रतिशत बच्चों को उच्च कक्षा में प्रवेश दिलाये जाने के उद्देश्य से सोमवार को देरशाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने खण्ड शिक्षा अधिकारियों व बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों के चिन्हांकन में ग्राम स्तर पर सचिव, शिक्षक, आंगनबाड़ी व समूह सखी इत्यादि का सहयोग लिया जाय। डीएम ने कहा कि सर्वे के दौरान बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ शिक्षा के सफर में बाधा बनने वाले अन्य कारणों की भी जानकारी प्राप्त करें। डीएम ने कहा कि बच्चों के चिन्हांकन के दौरान बालिकाओं की दक्षता रूचि के बारे में भी पता लगाया जाये ताकि बच्ची की रूचि के अनुसार उनके प्रशिक्षण का भी प्रबन्ध किया जा सके।
डीएम ने कहा कि इस पूरी कवायद का मकसद यही है कि गांवों में बसने वाले भारत की मेधा को आगे बढने का अवसर मिल सके। डीएम ने कहा कि हमारा यह प्रयास शिक्षा से दूर हो चुके बच्चों के लिए स्वयं को साबित करने का एक अवसर होगा। डीएम ने कहा कि उन्हें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि दूर-दराज़ क्षेत्रों में निवास करने वाली मेधा इस अवसर का भरपूर लाभ उठातें हुए परिवार व देश का नाम रोशन करेंगे। डीएम ने कहा कि ग्राम भ्रमण के दौरान आमजन को बाल विवाह जैसी कुरीतियों से बचने की सीख के साथ कन्या सुमंगला जैसी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करें ताकि पात्रता रखने वाली बालिकाओं को आच्छादित किया जा सके।
डीएम ने ब्लाक नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया कि सह नोडल अधिकारियों के साथ बैठक करके प्रत्येक बच्चे का कक्षा-9 में प्रवेश सुनिश्चित कराने के लिए एक कार्ययोजना/माइक्रोप्लान तैयार कर उसकी साप्ताहिक समीक्षा करते हुए प्रगति से डीडीओ व डीआईओएस को अवगत भी कराएं। डीएम ने बताया कि वर्ष 2024-25 में कक्षा-8 में अध्ययनरत रहे सभी विद्यालयों के बच्चों की सूची बीईओ द्वारा ब्लाक नोडल को उपलब्ध करायी जायेगी तथा विगत 03 वर्षों में पढ़ाई छोड़ चुकी कक्षा-8 उत्तीर्ण बालिकाओं की ग्राम पंचायतवार सूची सीडीपीओ द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। डीएम ने कहा कि हम सभी प्रयास होगा कि ऐसे ड्राप आउट छात्र-छात्राओं को निकटतम माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 09 में प्रवेश दिलाया जाय। इस अवसर पर ब्लाक के नोडल व सहनोडल, ब्लाक समन्वय व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।