बहराइच हिंसा के आरोपियों के घरों पर नहीं चलेगा बुलडोजर, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब

*_बहराइच हिंसा के आरोपियों के घरों पर नहीं चलेगा बुलडोजर, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब_*
*_ग्रामीणों को पीडब्ल्यूडी में पक्ष रखने का 15 दिन का दिया समय_*
आज का भारत लाइव न्यूज_*
*_रिपोर्ट दिलशाद अहमद_*
बहराइच जिले के महाराजगंज बाजार में बीते रविवार को हुई हिंसा में पीडब्ल्यूडी की ओर से मुख्य आरोपी समेत 23 लोगों के घरों को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में दिल्ली की एपीसीआर संस्था ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त की बेटी की तरफ से वाद दायर किया है। रविवार शाम को सुनवाई करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट ने सरकार से 3 दिन में पक्ष रखने का निर्देश दिया है। वहीं बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 दिन के लिए रोक लगा दी है। हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज बाजार बीते रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। जिसमें एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके भड़के हिंसा में कई लोगों के दुकान और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड की ओर से महराजगंज के 23 ग्रामीणों को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा गया था। नोटिस का जवाब न मिलने पर सभी के मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।इसको देखते हुए दिल्ली की एपीसीआर संस्था के मुख्य कार्यकारी सैयद महफूजुर रहमान ने लखनऊ हाई कोर्ट में अधिवक्ता सौरभ शंकर श्रीवास्तव की ओर से वाद दायर करवाया था। रविवार शाम को 6.30 बजे मामले की सुनवाई हुई। जिसमें लखनऊ हाई कोर्ट के वरिष्ठ जज और मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की टीम ने मामले की सुनवाई की।अधिवक्ता सौरभ शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि जजों की टीम ने सुनवाई करते हुए मामले में सरकार से 3 दिन में जवाब मांगा है जिसमें उनसे पूछा गया है कि यह सड़क ग्रामीण है या शहरी है। इसके अलावा सभी तेज ग्रामीणों को 15 दिन का समय दिया गया है कि वह सभी अपना पक्ष पीडब्ल्यूडी कार्यालय में प्रस्तुत करें। ऐसे में बुलडोजर की कार्रवाई 15 दिन के लिए रोक दी गई है।सप्रीम कोर्ट में बेटी समेत तीन की याचिका पड़ीम हाराजगंज निवासी मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार और दो अन्य लोगों ने एपीसीआर संस्था के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं हो सकी है।