अवयस्क संग दुष्कर्म का आरोपी जेसीबी चालक पुत्र को उम्रकैद , पिता को एक वर्ष सश्रम कारावास

अवयस्क संग दुष्कर्म का आरोपी जेसीबी चालक पुत्र को उम्रकैद , पिता को एक वर्ष सश्रम कारावास
–पाक्सो कोर्ट का फैसला , कोर्ट ने आरोपी पिता पुत्र पर लगाया ₹ 12 हजार का अर्थदण्ड
-नालसा प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को 25 हजार क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश
संत कबीर नगर । अवयस्क दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी जेसीबी चालक को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई । जबकि आरोपी पिता को पाक्सो कोर्ट ने दलित उत्पीड़न का दोषसिद्ध करार देते हुए एक वर्ष के सश्रम कारावास का सजा सुनाया । दुष्कर्म के आरोपी पुत्र सूरज विश्वकर्मा पर कोर्ट ने विभिन्न धाराओं में 11 हजार रुपए तथा आरोपी पिता राम सागर उर्फ सागर विश्वकर्मा पर एक हजार रुपए कुल 12 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी सूरज को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । कोर्ट ने अर्थदण्ड की 12 हजार रुपए की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का भी फैसला सुनाया है । इसके साथ ही कोर्ट ने नालसा प्रतिकर स्कीम के अंतर्गत पीड़िता को 25 हजार रुपए का प्रतिकर देने का भी फैसला दिया ।
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्युपाल , सत्य प्रकाश गुप्ता , सत्येन्द्र शुक्ल व अनिल कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के एक गांव का है । जबकि आरोपी पिता – पुत्र गोरखपुर जनपद के हरपुर बुदहट थानाक्षेत्र के ग्राम रेवड़ा विजयपुर के रहने वाले हैं । प्रकरण में पीड़िता की मां ने अभियोग पंजीकृत कराया था । उसका आरोप था कि वह अनुसूचित जाति की महिला है । दिनांक 16 फरवरी 2022 की रात समय लगभग 11 बजे उसकी अवयस्क पुत्री अकेले शौच के लिए गई थी । उसी समय आरोपी सूरज विश्वकर्मा पुत्र राम सागर विश्वकर्मा जो गांव के श्याम मिश्र के यहां जेसीबी चलाता है । उसकी पुत्री को पकड़ लिया और उसका मुंह रुमाल से बांध कर बगल में स्थित श्याम मिश्र के टिन शेड में ले जाकर दुष्कर्म कर रहा था । पुत्री को खोजते हुए वादिनी पंहुची तो देखा कि आरोपी चाकू दिखाकर दुष्कर्म कर रहा था । वादिनी को देखकर गाली व जान से मारने की धमकी देते हुए चाकू लहराते हुए भाग गया । दूसरे दिन वादिनी श्याम मिश्र से शिकायत किया । श्याम मिश्र ने आरोपी के पिता रामसागर उर्फ सागर पुत्र परमारथ वाश्वकर्मा को फोन किया । उसके पिता आए और गलती की क्षमा मांगने लगे । वादिनी ने इज्जत का हवाला देते हुए पुत्री से शादी करने की बात किया । आरोपी के पिता ने घर पर बात करके शादी का आश्वासन दिया । दिनांक 20 फरवरी 2022 को आरोपी के पिता ने कहा कि 25 हजार रुपया ले लो । शादी नहीं हो सकती है । पुलिस ने अभियोग पंजीकृत करके विवेचना के उपरांत सूरज के विरुद्ध दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट व पिता रामसागर के विरुद्ध दलित उत्पीड़न का आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्युपाल ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल छः साक्षी तथा बचाव पक्ष की तरफ से तीन साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । एडीजे व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात आरोपी सूरज को दोषसिद्ध करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई । जबकि आरोपी राम सागर को दलित उत्पीड़न के आरोप में दोषसिद्ध करार देते हुए एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई ।