औद्योगिक पार्काे के विकास की योजना प्लेज पार्क योजना लागू- उपायुक्त उद्योग ! !

औद्योगिक पार्काे के विकास की योजना प्लेज पार्क योजना लागू की गयी !
संत कबीर नगर । उपायुक्त उद्योग राजकुमार शर्मा ने बतायाा है कि उ0प्र0 सरकार द्वारा प्रदेश के आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन में सूक्ष्म, लद्यु एवं मध्यम उद्यम के उन्नयन हेतु जनपद स्तर पर औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को सुनिश्चित कराने हेतु निजी औद्योगिक पार्काे के विकास की योजना प्लेज पार्क योजना PLEDGE-(Promoting Leadership and Enterprise for Development of Growth Engines) लागू की गयी है। जिसे निजी प्रवर्तक/विकासकर्ता के द्वारा build, own, operate, (BOO) के आधार पर संचालित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि 01 प्रतिशत ब्याज दर पर पार्क के विकास हेतु आवश्यक धनराशि ऋण के रूप में प्रवर्तक को उपलब्ध करायी जायेगी। अकृषक/औद्योगिक भूमि की डीएम सर्किल रेट के अनुसार दर का 90 प्रतिशत अथवा रु० 50 लाख प्रति एकड अथवा परियोजना लागत में से न्यूनतम धनराशि के ऋण के आधार पर दी जायेगी। प्लेज पार्क में मानक के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं का निर्माण। भूखण्डों का विक्रय/आवंटन तथा संचालन प्रवर्तक का स्वयं का अधिकार/कर्तव्य होगा। पार्क हेतु भूमि खरीदने/लीज पर लेने पर स्टाम्प शुल्क में शत-प्रतिशत छूट एवं पार्क के अन्दर भूखण्ड क्रय करने/लीज पर लेने पर 50 प्रतिशत से शत-प्रतिशत तक स्टाम्प शुल्क में छूट दी जाएगी। पार्क के अन्दर भूमि/भूखण्ड क्रय करने/लीज पर लेने वाले उद्यमियों को भी एम0एस0एम0ई0 नीति-2022 के अनुरूप रू० 4.00 करोड तक का अनुदान दिया जाएगा। आवश्यक अकृषक/औद्योगिक भूमि न्यूनतम 10 एकड़ से अधिकतम 50 एकड तक, पार्क तक पहुँच मार्ग का सुदृढीकरण राज्य सरकार की नीति के अन्तर्गत कराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ के अनुसार न्यूनतम एक इकाई होना अनिवार्य। उदाहरण- 25 एकड़ के पार्क में न्यूनतम इकाईयों की संख्या-25 होनी चाहिए।
उन्होने बताया कि पार्क की आधारभूत संरचना के विकास/निर्माण हेतु SOP (Standard Operational Proceedure) के अनुरूप तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जैसे जिलाधिकारी स्तर से निर्गत प्रवर्तक का चरित्र प्रमाण-पत्र, भूमि के स्वामित्व संबंधी राजस्व अभिलेख (खसरा खतौनी, पंजीकृत बैनामा आदि), चयनित भूमि का भू-उपयोग औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु होना चाहिए। भू-उपयोग (अकृषक /औद्योगिक) संबंधी अभिलेख, प्रस्तावित पार्क का ले-आउट प्लान, हर प्रकार के ऋण से मुक्त होने संबंधी अभिलेख (भार मुक्त प्रमाण-पत्र), मुख्यमार्ग से कनेक्टिीविटी (कम से कम 12 मीटर चौड़ी एप्रोच रोड अनिवार्य) व पावर लाईन की उपलब्धता का विवरण होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत इच्छुक निजी प्रवर्तकों द्वारा 10 एकड़ से 50 एकड़ तक की भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव भूमि की स्वामित्व के कागजात एवं आगणन सहित कार्यालय जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन विकास केन्द्र, मुखलिसपुर रोड औद्योगिक नगर खलीलाबाद, संत कबीर नगर को उपलब्ध कराया जायेगा, तथा इच्छुक प्रवर्तक द्वारा उक्त योजना के बारे में विस्तृत जानकारी हेतु किसी भी कार्यालय कार्य दिवस में सम्पर्क कर सकते है।