अपहरण का अनुपस्थित आरोपी ने किया कोर्ट में सरेण्डर , हुआ 7 वर्ष का सश्रम कारावास

अपहरण का अनुपस्थित आरोपी ने किया कोर्ट में सरेण्डर , हुआ 7 वर्ष का सश्रम कारावास
-आरोपी अशोक कुमार की अनुपस्थिति में सोमवार को पाक्सो कोर्ट ने किया था दोषसिद्ध , जारी हुआ था गैरजमानतीय वारंट
-अवयस्क किशोरी संग दुष्कर्म करने के साथी आरोपी को हुआ था 14 वर्ष का सश्रम कारावास
संत कबीर नगर । अवयस्क किशोरी को अपने एक अन्य साथी के साथ बहला-फुसला करके अपहरण करने के आरोपी को एडीजे एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार देते हुए सात वर्ष के सश्रम कारावास का सजा सुनाया । कोर्ट ने आरोपी अशोक कुमार पर दस हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को छः माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी । आरोपी अशोक कुमार पर एक अन्य आरोपी मनोज यादव के साथ मिलकर वादी की अवयस्क पुत्री का अपहरण करने का आरोप लगाया गया था । जबकि आरोपी मनोज यादव पर अपहरण के साथ दुष्कर्म का भी आरोप लगाया गया था । पाक्सो कोर्ट ने बीते सोमवार को आरोपी मनोज यादव को 14 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाने के साथ तीस हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया था । कोर्ट ने आरोपी अशोक कुमार के अनुपस्थित रहने के कारण दोषसिद्ध करार देते हुए अजमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया था ।
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अभिमन्युपाल , सत्य प्रकाश गुप्ता , सत्येन्द्र शुक्ल व अनिल कुमार सिंह ने बताया कि प्रकरण दुधारा थानाक्षेत्र के एक गांव का है । जबकि आरोपी मनोज यादव पुत्र मंगल प्रसाद यादव ग्राम पलिया सहबदी थाना कैण्ट जनपद अयोध्या तथा अशोक कुमार पुत्र कन्हैया लाल साकिन लड़नपुर मजरा आशोपुर थाना अलीगंज जनपद अम्बेडकर नगर के रहने वाले हैं । प्रकरण में पीड़िता के पिता ने अपहरण का अभियोग पंजीकृत कराया था । उसका आरोप था कि दिनांक 24 जनवरी 2014 को शाम लगभग सात बजे उसकी 17 वर्षीय पुत्री शौच के लिए गई थी । लौटकर घर नहीं आई । खोजबीन किया गया । कुछ पता नहीं चला । दूसरे दिन रिश्तेदारी व अन्य जगह तलाश किया । परन्तु कुछ पता नहीं चला । उसके बाद विभिन्न तिथियों पर मोबाइल से फोन आता रहा और लगातार धमकी दी जा रही थी कि कुछ करोगे तो तुम लड़की को भूल जाना । वादी के प्रार्थना पत्र पुलिस ने अज्ञात में अपहरण का अभियोग पंजीकृत किया । विवेचना के दौरान मनोज यादव तथा अशोक कुमार का नाम प्रकाश में आया । पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । फैसले के दिन दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को आरोपी अशोक कुमार अनुपस्थित हो गया । आरीपी के अनुपस्थिति में उसे अपहरण का दोषसिद्ध किया गया था और उसके विरुद्ध अजमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया गया था । आरोपी अशोक कुमार ने मंगलवार को कोर्ट में आत्म समर्पण किया । एडीजे व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात आरोपी अशोक कुमार को अपहरण के आरोप में
सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाया ।