सीएनजी गैस का जोर की आवाज़ के साथ फटा पाइप,

सीएनजी गैस का जोर की आवाज़ के साथ फटा पाइप,
धुंआ-धुंआ में तब्दील हुआ मुस्तफाबाद गॉव!!
गाड़ी से उतर कर भागे चालक व ऑपरेटर!!
मार्निंगवॉक पर निकले लोग तथा अगल बगल के घरों से दूर निकल कर भागे लोग!!
बस्ती- एनएच 233 के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के बस्ती बांसी मार्ग के मुस्तफाबाद गॉव के सामने मंगलवार की सुबह के सवा छः बजे सीएनजी कैप्सूल के पाइप के फट जाने से सड़क पर अफरा तफरी मच गया। मार्नीग वॉक पर निकले ग्रामीण तथा सड़क पर निवास कर रहें लोग अपने घरों से निकल कर दूर भागने लगे। वहीं सीएनजी लदे डीसीएम चालक व ऑपरेटर गाड़ी छोड़ दूर भाग खड़े हुए। कैप्सूल से धुंआ निकलते देंख छोटे बड़े वाहन 4-5 सौ मीटर दूर अपने वाहनों को रोक दिये। कुछ देर बाद धुंआ कम होता देंख ऑपरेटर प्रदीप कुमार पहुॅचा और लुज कैप्सूल के नॉब को कसना शुरू कर दिया। पौना घंटा बाद कैप्सूल से जव गैस का रिसाव काफी कम हो गया तो ड्राइवर ध्रुपचन्द व ऑपरेटर प्रदीप कुमार गैस रिसाव का कारण ढूढने लगे तो देखा कि सिलेण्डरों से जुड़े पाइप का एक दूसरे सिलेण्डर में जुड़े सिलेण्डर का एनआरबी वॉल निकल गया हैं। जश्मदीदों की माने तो लोगों की सांसे अटकी रहीं और डर का माहौल बना था।
संतकबीर नगर जिले के नाथनगर गॉव निवासी डीसीएम चालक ध्रुपचन्द पुत्र श्रीराम यादव जो बुधा के कोको से 600 किलो सीएनजी गैस लेकर नौगढ के बंधू स्टेशन के लिए निकला था। जिसके साथ ऑपरेटर प्रदीप कुमार भी वाहन में बैंठे थे। अभी ये दोनों एनएच 233 के मुस्तफाबाद गॉव के सामने पहुँचे ही थे कि वाहन पर लदे सिलेण्डर से जोर की आवाज आई और तेजी से गैस का रिसाव होने लगा। ये दोनों अपनी जॉन बचाने हेतु गाड़ी छोड़ भाग निकले। इन दोनों को भागते देंख अन्य भी भागने लगे। कुछ ही देर में सड़क व गॉव में गैस के रिसाव के चलते अंधेरा छा गया। सब जगह धुंआ ही धुंआ दिखाई देने लगा। गनीमत रहा कि ऑपरेटर व चालक ने हिम्मत करके वाहन के पास पहुँचे और बाहन के प्रत्येक कैप्सूल के नॉब को कसते चले गये। कुछ देर वाद धुंआ काफी कम हो गया तो दोनों ने देखा कि एक दूसरे कैप्सूल से जुड़ा पाइप फट कर अलग हो गया हैं। राहत की सांस लेते हुए दोनों ने वाहन को स्टार्ट कर नौगढ़ के लिए चल दिये। पुंछने पर दोनों ने बताया कि अब जब तक आंग के सम्पर्क नहीं आएगा तब सुरक्षित नौगढ़ पर पहुँच जाएगा।
घटना के काफी देर बाद किसी के सूचना पर जव तक पहुँचते थानेदार मोतीचन्द तब तक वाहन नौगढ़ की तरफ जा चुका था।