संत कबीर नगर- सरकारी गौशालाओं में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर 10 सूत्रीय ज्ञापन अध्यक्ष गौ सेवा आयोग उत्तर प्रदेश को सौंपा ।

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संत कबीर नगर की सरकारी गौशालाओं में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर 10 सूत्रीय ज्ञापन अध्यक्ष गौ सेवा आयोग उत्तर प्रदेश को सौंपा ।
उत्तर प्रदेश –
गौरक्षा प्रकोष्ठ, विश्व हिंदू महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश मंत्री श्याम नारायण तिवारी ने संत कबीर नगर की सरकारी गौशालाओं में व्याप्त अनियमितताओं एवम छुट्टे तथा घायल एवम बीमार गौवंश के तत्काल उपचार संबंधित 10 सूत्रीय ज्ञापन प्रदेश की योगी सरकार के गौ सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) अध्यक्ष माननीय श्याम बिहारी गुप्त जी को प्रयागराज में एक कार्यक्रम के दौरान सौंपा । जनपद संत कबीर नगर में गौमाता (गौवंश) एवम अन्य जानवरों से संबंधित निम्न समस्याएं व्याप्त हैं। जिनका निदान आप श्रीमान जी के द्वारा अत्यंत आवश्यक है। जो निम्न हैं –
1:- संत कबीर नगर जिले में सरकारी गौशालों की हालत एकदम दयनीय है। यहां पर गौवंश को सुखा भूसा ही खिलाया जा रहा है, भूसे में हरा चारा एवम अन्य मिलाकर खिलाने वाले पदार्थ सिर्फ दिखावे बने हुये हैं। कोई व्यक्ति गर एकाएक दौरा कर देता है तो मात्र उनको दो- एक बोरी चोकर दिखाकर कोरम पूरा कर दिया जाता है, पशुओं के नांद में सिर्फ सूखे भूसे पड़े हुए होते हैं। इसके लिए कोई टीम गठित की जाय जो कि कभी भी किसी सरकारी गौशाला में जांच कर सके और गौशाला में हो रही अनियमितता को उजागर कर सके।
2:- संत कबीर नगर में नगर पालिका परिषद खलीलाबाद को छोड़कर मगहर, हरिहरपुर, बाघनगर उर्फ बखिरा, धर्मसिंघवा, बेलहर, मेंहदावल, कैंसर आदि नगर पंचायतों में आवारा पशुओं को पकड़ने वाली कैटिल कैचर गाड़ी उपलब्ध करवाई जाए, वर्तमान में केवल खलीलाबाद नगर पालिका के पास एक ही कैटिल कैचर वाहन उपलब्ध है, जिससे पूरे जिले के छुट्टे गौवंश को एक गौशाला से दुजे गौशाला पहुंचाया जाता है।
3:- खलीलाबाद नगर पालिका सहित इन सभी नगर पंचायतों में दुर्घटना से मृत हुए गौवंश के अंतिम संस्कार हेतु जमीन सरकार द्वारा चिन्हित करवाए जाएं, यहां आए दिन उक्त मृत जानवरों को गाड़ने हेतु लोगों से विवाद उत्पन्न होता है, जिसका निदान होना अत्यंत आवश्यक है।
4: – संत कबीर नगर जिले में अगर कोई बंदर या नीलगाय चोटिल, घायल या बीमार है तो उसको संरक्षित करने के लिए वन विभाग, संत कबीर नगर को निर्देशित किया जाए, विभाग के अधिकारियों द्वारा सीधा हाथ खड़ा कर लिया जाता है कि हमको शासन द्वारा इसका आदेश नहीं है, हम कुछ नहीं कर सकते । इस प्रकार उक्त जानवर की मृत्यु हो जाती है दवा एवम संरक्षण के अभाव में, सरकार द्वारा इसके लिए भी कदम उठाए जाएं ऐसी व्यवस्था बनाई जाए।
5:- जिस प्रकार से मनुष्यों के इलाज हेतु 24 घंटे इमरजेंसी में सरकारी अस्पताल खुले रहते हैं, उसी प्रकार उक्त गौवंश पशुओं के लिए भी सरकारी पशु अस्पताल में पशु डाक्टर का कम से कम जिला स्तर पर तो लगाई ही जाय, जिससे घायल और बीमार पशुओं का उपचार भी रात्रिकालीन हो सके और उनकी जान बचाई जा सके।
6:- अत्यंत घायल और बीमार पशुओं के लिए इलाज हेतु इमरजेंसी में कम से कम एक एंबुलेंस जिला स्तर पर रखी ही जाए, जिसकी सेवाएं 24 घंटे जारी रहे और जिसमें एक डाक्टर अपनी टीम संग सिफ्टवाइज मौजूद रहे।
7: – मृत या घायल पशुओं के ढोने हेतु जिला स्तर पर एक वाहन कम से कम कर्मचारियों सहित मौजूद हो जिससे 24 घंटे ये सेवाएं की जा सके। जिसकी जिम्मेदारी पशु पालन विभाग, नगर पालिका परिषद या पशु चिकित्सा विभाग या जिला पंचायत विभाग को दी जाए।
8:- बंदरों को पकड़ने के लिए एक टीम जिला स्तर पर वन विभाग द्वारा बनवाई जाए, जिसमे पूरी टीम के पास पिंजरा, जाल सहित सभी तमाम आवश्यक सामग्री मौजूद रहे जिससे इनकी धर पकड़ कर इनको जंगल में संरक्षित किया जा सके 108: लंपी वायरस का प्रकोप मेरे पूरे संत कबीर नगर जिले में व्याप्त है, जिससे तमाम छुट्टा गौवंश प्रतिदिन काल के गाल में समा रहे हैं। ऐसे हमारे जिले संत कबीर नगर के गली मुहल्ले में काफी छुट्टे गौवंश इस बीमारी से पीड़ित दिख जायेंगे, इनका उपचार कराया जाना नितांत आवश्यक है, तत्काल इसके उपचार की व्यवस्था बनाई जाए ।
9:- उत्तर प्रदेश के हर जिलों में गौसेवा आयोग द्वारा नामित गौ संरक्षण सदस्य अविलंब बनाए जाएं ।
10:- सरकार द्वारा हर जिलों में एस पी सी ए (पशु क्रूरता निवारण सोसायटी) का गठन अविलंब करवाया जाए, जिससे कि पशुओं संग क्रूरता, गौतस्करी, गौकशी आदि पर अंकुश लगाया जा सके। मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि उक्त मांगो पर आप श्रीमान जी द्वारा गंभीरता से विचार कर इसका जल्द से जल्द निदान किया जाएगा। जिससे तमाम जीवों की जान सुरक्षित रह सकेगी ।
आदरणीय अध्यक्ष जी ने जल्द ही उक्त मामले के निदान का आश्वासन दिया ।