झिझक टूटने पर सुरक्षित हुई मातृत्व की राह, पोषण में हुआ सुधार

0

झिझक टूटने पर सुरक्षित हुई मातृत्व की राह, पोषण में हुआ सुधार

गर्भावस्था का पता चलते ही पंजीकरण बढ़ा रहीं आशा कार्यकर्ता

ब्यूरो रिपोर्ट दिलशाद अहमद
सफी खान
आज का भारत लाइव

बहराइच, 23 सितम्बर। गाँव की गलियों से गुजरती आशा कार्यकर्त्ता किरन देवी जब चाँदनी के घर पहुँचीं तो सास ने टालते हुए कहा, तीन महीने पूरे होने दो फिर नाम लिखना। लेकिन इस बार चाँदनी ने झिझक तोड़ दी, नहीं अम्मा, मुझे अभी पंजीकरण कराना है, ताकि डॉक्टर समय पर देख लें। यही बदलाव, सुरक्षित मातृत्व की नई राह खोल रहा है। हालांकि गाँव की बुजुर्ग महिलाएँ अभी भी पुरानी सोच से बंधी हैं। मुन्नी देवी (40) कहती हैं, गर्भ ठहरने की बात बात पक्की होने पर ही बताना चाहिए, वरना उपहास का डर रहता है। जुबैदा खातून (55) के मुताबिक गर्भ अनचाहा है तो जल्दी बताने का क्या फायदा। आशा कार्यकर्ता किरन देवी बताती हैं कि निरूसंतान दंपति और किशोर जोड़े भी जानकारी देने में देर करते हैं। आँकड़े बताते हैं कि जिले में आधी से अधिक गर्भवती पहली तिमाही में पंजीकरण नहीं करातीं। ई-कवच पोर्टल के अनुसार अप्रैल से सितम्बर तक 60539 गर्भवती की पहली जांच हुई, जिनमें केवल 23509 ने ही समय पर पंजीकरण कराया।
संवाद से बदल रही सोच –
आशा कार्यकर्ता किरन देवी कहती हैं जब मैं विवाह पंजीकरण या टीकाकरण की सूचना देने घर-घर जाती हूँ और कहती हूँ कि गर्भ ठहरने की जल्दी जानकारी देंगे तो जल्द स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, तो कई बार परिवार हँसते हैं, कई बार चुप रहते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनकी सोच बदल रही है।
एसीएमओ डॉ. संतोष राना का कहना है कि गर्भावस्था का जल्दी पंजीकरण कराने से एनीमिया, ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी जटिलताओं का समय रहते पता चल जाता है। इससे उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत विशेषज्ञ तक पहुँचाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि पति और परिवार के बड़े सदस्य, जैसे सास या जेठानी, भी गर्भवती के शीघ्र पंजीकरण में सहयोग करें। इसके लिए सभी आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे ऐसे मिथकों के प्रति संवाद बढ़ा सकें, जो गर्भवती के पंजीकरण में बाधा डालते हैं। इसके परिणाम अब धीरे-धीरे दिखाई भी देने लगे हैं।
सीएमओ डॉ. संजय शर्मा का कहना है कि गाँवों के नज़दीक आयुष्मान आरोग्य मंदिर खुलने से अब गर्भावस्था निर्धारण की जाँच निःशुल्क और सुलभ हो गई है, यह जांच किट आशा कार्यकर्ताओं को भी दी गई है। अब सबसे बड़ी चुनौती सुविधा नहीं बल्कि सोच बदलना है। जल्दी पंजीकरण माँ और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावी तरीका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending Story

आवश्यकता है जनपद संतकबीर नगर से एंकर /कम्प्यूटर आपरेटर (डिजाइनिंग और हिन्दी टाइपिंग अनिवार्य ) की .. सम्पर्क सूत्र- 9236660818..9453104808... # आवश्यकता है जनपद संतकबीर नगर से एंकर /कम्प्यूटर आपरेटर (डिजाइनिंग और हिन्दी टाइपिंग अनिवार्य ) की .. सम्पर्क सूत्र- 9236660818..9453104808... # आवश्यकता है जनपद संतकबीर नगर से एंकर /कम्प्यूटर आपरेटर (डिजाइनिंग और हिन्दी टाइपिंग अनिवार्य ) की .. सम्पर्क सूत्र- 9236660818..9453104808... # आवश्यकता है जनपद संतकबीर नगर से एंकर /कम्प्यूटर आपरेटर (डिजाइनिंग और हिन्दी टाइपिंग अनिवार्य ) की .. सम्पर्क सूत्र- 9236660818..9453104808... # आवश्यकता है जनपद संतकबीर नगर से एंकर /कम्प्यूटर आपरेटर (डिजाइनिंग और हिन्दी टाइपिंग अनिवार्य ) की .. सम्पर्क सूत्र- 9236660818..9453104808... # आवश्यकता है जनपद संतकबीर नगर से एंकर /कम्प्यूटर आपरेटर (डिजाइनिंग और हिन्दी टाइपिंग अनिवार्य ) की .. सम्पर्क सूत्र- 9236660818..9453104808...