ITM के छात्र मेराज ने तैयार किया “ब्लू लाइट ट्रैफिक सिस्टम”

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आईटीएम गीडा, गोरखपुर के छात्र मेराज ने तैयार किया “ब्लू लाइट ट्रैफिक सिस्टम” ।
गोरखपुर –
गोरखपुर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम), गीडा के बीसीए तृतीय वर्ष के छात्र मेराज हुसैन ने एक अनोखा और उपयोगी नवाचार करते हुए “ब्लू लाइट ट्रैफिक सिस्टम” तैयार किया है। यह सिस्टम बारिश के कारण सड़कों पर होने वाले जलजमाव की स्थिति को ट्रैफिक सिग्नल के माध्यम से दर्शाता है, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को समय रहते सावधान किया जा सके।
छात्र मेराज ने बताया कि इस स्मार्ट वॉटर लेवल ट्रैफिक लाइट सिस्टम को कॉलेज की इनोवेशन टीम के सहयोग से मात्र 15 दिनों में तैयार किया गया है। देश के कई शहरों—जैसे दिल्ली, मुंबई, सूरत आदि—में भारी बारिश के कारण जलजमाव एक आम समस्या बन चुकी है। इससे सड़कों पर आवागमन बाधित होता है और कई बार गंभीर दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। विशेष रूप से ऐसे क्षेत्रों में, जहां बाहर से आने वाले लोगों को सड़कों की सही जानकारी नहीं होती, वहाँ यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मेराज ने इस पोर्टेबल वॉटर लेवल ट्रैफिक लाइट सिस्टम का निर्माण किया है। यह सिस्टम वायरलेस इंफ्रारेड रेडियो सेंसरों की मदद से काम करता है, जिन्हें सड़क के ब्रेकर और डिवाइडर में लगाया जाता है। जब इन सेंसरों पर पानी का दबाव बनता है या वे जल में डूबते हैं, तो ये सेंसर एक्टिव होकर ब्लू लाइट ट्रैफिक सिग्नल को ऑन कर देते हैं, जिससे लोगों को संकेत मिल जाता है कि आगे जलजमाव है और मार्ग खतरनाक हो सकता है।
इस सिस्टम का सेंसर रेंज फिलहाल 500 मीटर है जिसे भविष्य में बढ़ाया भी जा सकता है। यह पूरी तरह वायरलेस और ऑटोमैटिक है और इसे पारंपरिक ट्रैफिक लाइट सिस्टम के साथ भी जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा, इसका उपयोग बाढ़ग्रस्त इलाकों में भी जल स्तर की चेतावनी देने के लिए किया जा सकता है।
मेराज ने बताया कि इस सिस्टम को बनाने में लगभग ₹50,000 से ₹60,000 का खर्च आया है और इसमें हाई फ्रिक्वेंसी रेडियो सेंसर, ट्रांसमीटर, वाटर सेंसर, ब्लू-ग्रीन-रेड लाइट और 3.7 वोल्ट बैटरी जैसे तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है।
संस्थान के निदेशक डॉ. एन. के. सिंह ने इस नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि “छात्र मेराज का यह प्रयास प्रशंसनीय है। इस प्रकार के नवाचार समाज की वास्तविक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हैं। आईटीएम संस्थान ऐसे छात्रों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगा, जिससे उनके नवाचार आम लोगों तक पहुँच सकें और देशहित में उपयोगी सिद्ध हों।”
इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित सभी संकाय सदस्यों ने मेराज को इस उपलब्धि पर बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।