कष्टों के निवारण के लिए सावन मास मे करें दान पुण्य- पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य ।

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कष्टों के निवारण के लिए सावन मास मे करें दान पुण्य- पं. बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य ।
गोरखपुर–
भारतीय विद्वत् महासंघ के महामंत्री ज्योतिषचार्य पंडित बृजेश पाण्डेय ने बताया की श्रावण मास के महीने में दान पुण्य का विशेष महत्व है ।
शिव महापुराण में भी सावन में दान के बारे में बताया गया है। यह भगवान शिव का प्रिय महीना है और इस महीने में किए जाने वाले शुभ कर्मों व दान का अत्यंत फल मिलता है। सभी शिव भक्तों को अपनी क्षमतानुसार दान करना चाहिए। जिससे देवाधिदेव महादेव शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा मिलती है। ज्योतिषचार्य बृजेश पाण्डेय ने कहा की सावन में पुस्तकों का दान करने की मान्यता है। सावन मास में मौनव्रत रखने का भी पुराणों कथाओं मे वर्णन है। खासकर भोजन के समय मौनव्रत रखना चाहिए और व्रत के अंत में घंटा और पुस्तक का दान करना चाहिए। साथ ही ब्राह्मणों को रोटी का दान करना शुभ फलदाई होता है। केला,नारियल, खजूर, ककड़ी, नारंगी, नींबू समेत अन्य ऋतु फल के दान करने का भी बड़ा महत्व है। सावन में अपनी किसी प्रिय वस्तु का त्याग करके भोलेनाथ को अर्पित करने से व्यक्ति को परम गति की प्राप्ति होती है और उसके सद्कर्मों का प्रति लाख गुना फल मिलता है। तिल के लड्डू का दान अतिउत्तम माना गया हैं ।तिल के बने लड्डू का भगवान को अर्पित करने के पश्चात इसका दान करना चाहिए. यही नहीं सावन मास में फूल,फल, तुलसी की मंजरी,तुलसी दल,बेलपत्र से शिवजी की पूजा करनी चाहिए। सावन मास में शाक का त्याग करने का महत्व बताया गया है। सावन में रोज अतिरुद्र, महारुद्र या रुद्रमंत्र से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा सावन मास में यथासंभव दान चाहिए। संभव हो तो सावन में शिवजी की सोने की मूर्ति बनवाकर पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही चांदी का दीया बनाकर उसका दान करना चाहिए। इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती है। श्री पाण्डेय ने यह भी कहा की सावन में गोदान करने से जातक को पापों से मुक्ति मिलती है।भूदान करने से परलोक में आश्रय मिलता है जबकि तिल के दान से बल मिलता है। वस्त्रों के दान से आयु बढ़ती है। गुड़ के दान से भोजन की प्राप्ति होती है। सोने-चांदी के दान से वीर्य बढ़ता है और धन का दान करने से धन-समृद्धि बढ़ती है। इसके साथ ही सावन में कद्दू और घी का दान करना पुष्टिदायक मना गया है ।