बहराइच मछुआ समुदाय के आर्थिक विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है प्रदेश सरकार: डॉ. निषाद सम्मानित किये गये मेधावी छात्र-छात्राएं

बहराइच मछुआ समुदाय के आर्थिक विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है प्रदेश सरकार: डॉ. निषाद सम्मानित किये गये मेधावी छात्र-छात्राएं
ब्यूरो रिपोर्ट – दिलशाद अहमद
आज का भारत लाइव
बहराइच 27 अप्रैल। विधानसभा क्षेत्र बलहा अन्तर्गत कौआभारी स्थित ड्रीम इण्टरनेशनल पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रदेश के मा. मंत्री, मत्स्य डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि प्रदेश के मत्स्य पालकों/मछुआ समुदाय (परम्परागत मत्स्य आखेटक केवट, मल्लाह, निषाद, बिन्द, धीमर, कश्यप, बाथम, रैकवार, मांझी, गोडिया, कहार, तुरैहा, तुराहा अथवा कोई अन्य व्यक्ति जो एक वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि से मत्स्य पालन या मात्स्यिकी क्रिया-कलापो से सक्रिय रूप से जुड़कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले व्यक्ति उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना का लाभ प्राप्त कर अपना जीवन स्तर सुधार सकते हैं। वार्षिकोत्सव के अवसर पर मा. मुख्य अतिथि डॉ निषाद ने कालेज के मेधावी छात्र-छात्राओं को साइकिल, लंचबाक्स, रिडिंग टेबुल इत्यादि भेंटकर सम्मानित किया।
डॉ. निषाद ने मत्स्य पालकों का आहवान किया कि निःशुल्क मछुआ सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना का भरपूर लाभ उठायें। बीमा योजना अन्तर्गत मत्स्य गतिविधियों में सक्रिय 18 से 70 वर्ष के महिला/पुरुष मत्स्य पालक को दुर्घटनाजनित मृत्युः अथवा पूर्ण पूर्ण स्थायी निःशक्तता की दशा में रू. 5.0 लाख, स्थायी आंशिक निःशक्तता की दशा रू. 2.5 लाख एवं आकस्मिक अस्पताल खर्च र्व हेतु रू. 25,000 तक आर्थिक सहायता का प्राविधान है। इसके लिए पीड़ित पक्ष को 90 दिनों में दुर्घटना की सूचना देनी होगी।
मत्स्य मंत्री डॉ. निषाद ने बताया कि देश के मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री जी मछुआ समुदाय के आथिक विकास के दृढ़ संकल्पित है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा मछुआ समुदाय के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, किसानों की आय में वृद्धि एवं स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम सभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों में निवेश एवं मत्स्य बीज बैंक की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत दो परियोजनाएं संचालित है। योजना में सभी वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है।
मा. मंत्री डॉ. निषाद ने बताया कि प्रदेश में मत्स्य पालको एवं मछुआरा समुदाय के व्यक्तियों को मत्स्याखेट एवं नदियों/जलाशयों में मत्स्य प्रबंधन व संरक्षण के माध्यम से रोजगार एवं आजीविका के लिए जलाशयों, तालाबों, नदियों एवं अन्य जल स्रोतों में मछली पकड़ने हेतु बिना इंजन की नाव (नॉन मोटोराइज्ड), जाल, लाइफ जैकेट एवं आइसबाक्स आदि पर 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराये जाने हेतु निषादराज बोट सब्सिडी योजना संचालित की जा रही है। मत्स्य पालक मछुआरा बाहुल्य ग्रामों में अवसंरचनात्मक सुविधाओं का निर्माण, चिकित्सा सहायता, मत्स्य पालकों/मछुआरों का प्रशिक्षण/भ्रमण, किसान क्रेडिट कार्ड, मछुआ आवास निर्माण सहायता, दैवीय आपदाओं से हुई क्षति में वित्तीय सहायता के साथ साथ मत्स्य गतिविधियों हेतु बैंक के माध्यम से 4 प्रतिशत ब्याज की दर पर रू. 1.60 लाख तक जमानत रहित क्रेडिट ऋण सुविधा प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर सहायक निदेशक मत्स्य जितेंद्र तिवारी, तहसीलदार नानपारा अम्बिका चौधरी, निषाद पार्टी के जिला अध्यक्ष मनोज कुमार निषाद, उपाध्यक्ष महेन्द्र निषाद, रवीन्द्र मणि निषाद, बाबूराम निषाद, राजितराम निषाद व अन्य संबंधित अधिकारी, पार्टी पदाधिकारी व बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।