रेलवे अधिकारी ने निर्वाण स्थली पर झुकाये शीश

रेलवे अधिकारी ने निर्वाण स्थली पर झुकाये शीश
संतरबीर नगर- मगहर !सदगुरू कबीर के बारे में बहुत पढ़ा, लिखा और सुना था। आज कबीर के आरामगाह का दर्शन करके जीवन धन्य हो गया। कबीर को जानने और समझने के लिए व्यक्ति पूरा जीवन लगा दे फिर भी पूरी तरह से उन्हें समझ नहीं सकता है। रेल मंत्रालय दिल्ली भारतीय रेल सेवा प्रबंधनसेवा के महानिदेशक(संरक्षा) हरिशंकर वर्मा अपनी पत्नी विनीता वर्मा के साथ कबीर चौरा स्थित समाधि व मजार का दर्शन करने के बाद उन्होंने अपने विचार व्यक्त किया
उन्होंने कहा कि कबीर के विचारों से ही समाज और देश को प्रगति के पथ पर लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कबीर ही शायद ऐसे संत हुए जिनका समाधि और मजार एक स्थान पर देखने को मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि कबीर ने समाज में व्याप्त भेदभाव, ऊंचनीच और जाति पाती को मिटा कर एक सूत्र में बांधने का संदेश दिया था। उनके विचारों को हम सभी अपने जीवन उतारे तो जीवन सार्थक हो सकता है। कबीर ने समाज को सही दिशा में ले जाने के लिए अपना जीवन लगा दिया। उन्होंने कहा कि कबीर एक ऐसे सन्त हुए जिन्होंने सभी धर्मों को समझाने का प्रयास किया। चाहे वह किसी भी धर्म से जुड़ा अथवा मानने वाला हो दिखावे के सख्त विरोधी रहे। उनकी रचनाओं का अध्ययन कर अपने जीवन को सदमार्ग पर ले जाया जा सकता है। इस दौरान उन्हें महंत विचार दास ने कबीर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।इस मौके डा हरिशरण शास्त्री, केशवदास, पुजारी राम शरण दास, रोहित दास आदि लोग मौजूद रहे।